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राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध करेगा RYA, पलामू में दो दिनों चला कन्वेंशन, राज्यों के लिए अलग-अलग नीतियों पर चर्चा - Jharkhand news

पलामू में दो दिनों तक इंकलाबी नौजवान सभा का कन्वेंशन चला. इसमें फैसला किया गया कि आरवाईए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध करेगा (RYA will oppose National Education Policy 2020). इनका मानना है कि इस शिक्षा नीति से देश की शिक्षा व्यवस्था चौपट होगी और इसका बाजारीकरण बढ़ेगा.

Inquilabi Naujawan Sabha will oppose National Education Policy 2020
Inquilabi Naujawan Sabha will oppose National Education Policy 2020

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Published : Sep 11, 2022, 8:18 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 8:48 PM IST

पलामू:इंकलाबी नौजवान सभा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध करेगा (RYA will oppose National Education Policy 2020). इसका प्रस्ताव इंकलाबी नौजवान सभा के 7वां नेशनल कन्वेंशन में पारित हुआ है. पलामू में दो दिनों तक और RYA का नेशनल कन्वेंशन चला, जिसमें भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, बगोदर विधायक विनोद सिंह, बिहार के भोजपुर के अंगियाव विधायक मनोज मंजिल, जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा, महासचिव नीरज कुमार ने भाग लिया. आरवाईए के नेशनल कन्वेंशन में कई प्रस्ताव पारित किए गए हैं, पिछले कार्यों की समीक्षा की गई है.

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RYA के नेशनल कन्वेंशन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध करने का निर्णय लिया गया है. इंकलाबी नौजवान सभा के महासचिव नीरज कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष अंगियाव विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर देगा. उन्होंने कहा कि आरवाईए ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध करने का निर्णय लिया है, इसके अलावा बेरोजगारी महंगाई समेत कई मुद्दों पर निर्णय लिए गए हैं. वहीं, आरवाईए की नई कमेटी का भी गठन किया गया है जिसकी जल्द घोषणा की जाएगी. उन्होंने बताया कि देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है, वहीं सरकार के नजदीक लोगों को रेवड़ियों की तरह ऋण माफ किए जा रहे हैं. देश के मात्र 37.2 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार मिल पा रहा है. विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी के कारण लोग आत्महत्या कर रहे हैं. असंगठित क्षेत्र के लोगों के आत्महत्या का आंकड़ा भयावह है.

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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े पर गौर करें तो देश में पिछले एल वर्ष के दौरान 42004 असंगठित क्षेत्र के मजदूरों ने आत्महत्या की है, जबकि 26000 युवाओं ने भी आत्महत्या की है. उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को शिक्षा देने के लिए या शिक्षा नीति बनाई गई है. शिक्षा का प्राधिकार कॉर्पोरेट के हाथों में दिया जा रहा है, आने वाले वक्त में यूनिवर्सिटी भी कॉरपोरेट्स के हाथों में बेची जाएंगी.
Last Updated : Sep 11, 2022, 8:48 PM IST

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