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लॉकडाउन के बीच पलामू पुलिस साइबर ठगों से दिलवा रही पैसा वापस, ठगों ने बदल दिया अपराध का तरीका - पलामू में साइबर थाना हुई सक्रिय

पलामू साइबर थाना की पुलिस न सिर्फ साइबर अपराधियों पर लगाम लगा रही है बल्कि पुलिस के कार्रवाई के बाद ठगी के शिकार लोगों को पैसा भी वापस मिल रहा है. पलामू साइबर थाना की पुलिस लॉकडाउन के दौरान आधा दर्जन से अधिक लोगों का पैसा वापस करवा चुकी है.

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Published : Apr 25, 2020, 8:43 PM IST

पलामू: लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधियों से निपटना पलामू पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी. लेकिन पलामू साइबर थाना की पुलिस न सिर्फ साइबर अपराधियों पर लगाम लगा रही है बल्कि पुलिस के कार्रवाई के बाद ठगी के शिकार लोगों को पैसा भी वापस मिल रहा है. पलामू साइबर थाना की पुलिस लॉकडाउन के दौरान आधा दर्जन से अधिक लोगों का पैसा वापस करवा चुकी है. साइबर अपराधियों के खिलाफ तेजी से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और उन पर नकेल कस रही है.

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पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर रेडमा के अनिल कुमार तिवारी ने पलामू साइबर थाना को सूचना दी थी कि ओटीपी मैसेज उनके मोबाइल पर आया था, बाद में एक कॉल आया जिसमे उनसे ओटीपी मांगी गई. ओटीपो बताने के साथ उनके खाते से 49,999 रुपये गायब हो गए. उनके खाते से एक वैलेट में पैसा गया था फिर वहां से वह पैसा एक गोल्ड कंपनी में गई थी. पलामू साइबर थाना के पुलिस के एक्टिव होने के बाद गोल्ड कंपनी से ठगी करनेवाला तक पैसा नही पंहुच पाया. बाद में ठगी के शिकार हुए अनिल कुमार तिवारी के खाते में पैसा वापस हो गया. पलामू के साइबर थाना प्रभारी महेश बोआपाई ने बताया कि करीब आधा दर्जन लोगों को पैसा वापस करवाया गया है.

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साइबर अपराधियों ने ठगी का तरीका बदल दिया है, पहले एटीएम और कॉल के माध्यम से ठगी की जाती थी लेकिन अब ओटीपी के माध्यम से ठगी का शिकार किया जा रहा है. ठगी का पैसा किसी कंपनी में इन्वेस्ट किया जा रहा था फिर वहां से विभिन्न खातों में पैसा जाता हैं. साइबर थाना प्रभारी महेश बोआपाई ने बताया कि ठगी का शिकार होने वाले लोग अगर एक दो घंटे के अंदर पुलिस के पास पंहुच जाते हैं तो बहुत हद तक उन्हें ठगी से बचा लिया जाता है. देर से जानकारी मिलने के बाद ठगों का दायरा बढ़ता जाता है.

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