पलामू: एशिया के बड़े टाइगर प्रोजेक्ट में से एक पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क का इलाका कभी सैलानियों से गुलजार रहता था, लेकिन अब उस इलाके में वीरानियां छाई हुई हैं. कोरोना के कहर ने पर्यटन के क्षेत्र को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा कर दिया है. इस लॉकडाउन में बेतला नेशनल पार्क के इलाके में फॉर्म हाउस, होटल आदि के व्यवसाय को लाखों का नुकसान हुआ है. बेतला नेशनल पार्क में नवंबर से लेकर मई तक बड़ी संख्या में देश-विदेश के सैलानी पहुंचते हैं. लोग यहां खास तौर पर बाघ, हाथी और हिरण आदि को देखने के लिए आते हैं.
बेतला ट्री हाउस में सन्नाटा
बेतला का फेमस ट्री हाउस में सन्नाटा पसरा है. कभी ट्री हाउस पर्यटकों से गुलजार रहता था. रात बिताने के लिए पर्यटकों का बेतला का ट्री-हाउस पहली पसंद होती है. लेकिन मार्च के बाद कोई भी बुकिंग नही हुई हैं. बेतला के रेंज ऑफिसर प्रेम कुमार बताते है लॉकडाउन में विभाग को काफी नुकसान हुआ है.
ये भी पढ़ें-दुमका में बिरसा हरित ग्राम योजना की शुरूआत, ग्रामीणों ने कहा- मजदूरी के लिए नहीं जाएंगे घर से दूर
नेशनल पार्क के इलाके में छह ट्री-हाउस है, 05 टूरिस्ट लॉज, एक गेस्ट हाउस, 05 डायरेक्टर हाउस है. इनमें से अधिकतर की बुकिंग ऑनलाइन होती है. 2019 में वन विभाग को बेतला नेशनल पार्क में आने वाले सैलानियों से 1,831,930 रुपये की आमदनी हुई थी. 2019 में ही देश भर के 31,352 पर्यटक और 38 विदेशी नागरिक लातेहार के बेतला पार्क पंहुचे थे, जनवरी से मार्च 2020 तक बेतला में दो विदेशी समेत 9518 पर्यटक पंहुचे थे.