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सांप काटने के बाद लोग ले रहे झाड़-फूंक का सहारा, हो रही है मौत

पलामू में लोग इन दिनों सांपों के काटने से अंधविश्वास के च्क्कर में अपनी जान गंवा रहे हैं. इधर, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस स्थिति में अस्पताल का रूख करें, हमारे पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं मौजूद हैं.

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Published : Jul 29, 2019, 12:52 PM IST

मृतक का शव

पलामू: झारखंड में अंधविश्वास की जड़ें काफी गहरी है, जो लोगों की जान ले रहा है. 21वीं सदी में भी पलामू के कई इलाके के लोग झाड़-फूंक का सहारा ले रहे हैं. नतीजतन लोगों की जान जा रही है. पलामू का जंगली भाग शुष्क है और बड़ी संख्या में जंगलों में सांप हैं. जंगल से सटे हुए ग्रामीण इलाके में लोग सांप का शिकार बन रहे हैं.

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पिछले एक सप्ताह में पलामू में चार लोग सांप के जहर का शिकार बने हैं, जिनमें से तीन की मौत हो गई है. जबकि 15 दिनों में छह लोगों की मौत हो चुकी है, पलामू के सतबरवा में सांप के काटने से मां और बेटे की मौत हो गई थी.

लोग ले रहे झाड़-फूंक का सहारा
पलामू में सांप काटने के बाद लोग झाड़-फूंक का सहारा ले रहे हैं. लोग डॉक्टर के पास न जाकर ओझा-गुनी के पास जा रहे हैं. सतबरवा में एक ही परिवार के तीन लोगों को सांप काटने के बाद झाड़ फूंक के लिए ले जाया गया था. जिसके बाद मां और बेटे की मौत हो गई. इसी तरह 2018 में चैनपुर के इलाके में दो बच्चों को सांप ने काटा था, परिजनों ने झाड़-फूंक का सहारा लिया और शव को कब्र से निकाल कर झाड़ फूंक शुरू किया था.

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'पर्याप्त मात्रा में मौजूद एंटी वैनम स्नेक बाइट'
पलामू के सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ केनेडी बताते है कि यहां के अस्पतालों में एंटी वैनम स्नेक बाइट मौजूद है. उन्होंने लोगों से अपील किया की लोग झाड़-फूंक का सहारा न लें, सांप काटने के बाद वे तुरंत अस्पताल का रूख करें.

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