पलामूः जमीन विवाद में आपराधिक घटनाओं का पलामू में लंबा इतिहास रहा है. मात्र 54 डिसमिल जमीन विवाद को लेकर जिले में चार लोगों की जान चली गई है. एक परिवार के मां और उसके दो बेटे जबकि दूसरे पक्ष में परिवार की मुखिया की जान गई है. घटना के बाद पुलिस गांव में कैंप कर रही है, पुलिस को आशंका है कि दोनों पक्ष आपस में भीड़ सकते हैं. पूरी घटना पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के अधमनिया गांव की है. अधमनिया में जमीन विवाद में कलावती देवी और उसके बेटे संजय और विनोद को बोलेरो से टक्कर मारकर हत्या दी गई, जबकि दूसरे पक्ष के जख्मी रायबहादुर सिंह ने रांची में इलाज के क्रम में दम तोड़ दिया.
मृतक कलावती देवी के बेटे के फर्द बयान के आधार पर रायबहादुर सिंह के बेटे नितेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, जबकि रायबहादुर की मौत मामले में पलामू पुलिस ने रांची पुलिस से संपर्क किया है. रांची में उसका फर्द बयान लेने और गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है. कलावती देवी, संजय और विनोद का बुधवार को 11 बजे के करीब पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में पोस्टमार्टम किया गया. उसके बाद सभी को अधमनिया भेज दिया गया. अधमनिया में हालात तनावपूर्ण है. कलावती देवी के बेटे गुप्ता सिंह ने बताया कि पूरी साजिश रचकर हत्या की गई है. इस घटना में उसके गोतिया भी मिले हुए हैं.
कलावती ने गांव के स्कूल के लिए दिया था जमीन दान
कलावती ने गांव में स्कूल के लिए 17 डिसमिल जमीन दान दिया था. उसके बेटे बताते हैं कि गांव का रोड भी उनके जमीन में बना हुआ है. जमीन के मामले में गांव के कई लोग उनके खिलाफ गोलबंद थे. वे मामले में थाना भी गए थे, वहां दोनों पक्षों को समझाया गया था. पुलिस ने उनके जमीन के विवाद में संवेदनशील थी. कलावती देवी के दिव्यांग बेटे ने बताया कि गांव में फिर उन पर हमला हो सकता है. उसकी मां ने गांव के लिए बहुत कुछ किया है. मां के बदौलत ही जमीन के सभी कागजात बने थे.
रायबहादुर ने 54 डिसमिल जमीन को 2005 में करवाया था जमाबंदी
जिस 54 डिसमिल जमीन के विवाद में चार लोगों की जान गई है. उस जमीन को रायबहादुर ने 2005 में जमाबंदी करवाई थी, लेकिन कलावती देवी के पास जमाबंदी के कागजात 1981 के हैं. मामले में लेस्लीगंज अंचल ने रायबहादुर के पक्ष में फैसला दिया था. रायबहादुर ने 2019 में जमीन की जोत-कोड़ किया था. पहले भी दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी.