जमशेदपुर:घर, ऑफिस या फिर किसी होटल में आपने एक्वेरियम में रंगीन मछलियां जरूर देखी होंगी. वहीं, अब रंगीन मछलियां जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के जीविका का सहारा बनती जा रही हैं. महिलाएं घर के काम काज के साथ घर में रंगीन मछलियों का पालन कर रोजगार की दिशा में कदम बढ़ा कर खुद को सशक्त कर रही हैं.
देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है कोरोना काल के बाद यह और भी विकराल हो गई है. इससे निपटने के लिए सरकार के स्किल डेवलपमेंट के तहत लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है. महिलाओं को स्वलंबी बनाने को लेकर मत्स्य विभाग शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रंगीन मछली पालन को लेकर जागरूक कर रही है. जिसके तहत जमशेदपुर के पोटका ओर बोड़ाम प्रखंड की 25 महिलाओं का चयन कर उन्हें रंगीन मछली पालन करने का प्रशिक्षण दिया गया है. इनमे आदिवासी अनुसूचित जाति जनजाति की महिलाएं शामिल हैं.
पूर्वी सिंहभूम जिले के मत्स्य पाधिकारी ने बताया कि जो मछली पालक देसी मछलियों का पालन कर रहे हैं वह रंगीन मछलियों को भी पाल सकते हैं. उसके लिए ज्यादा खर्चें की भी जरुरत नहीं होती है. इसके लिए उन्हें मत्स्य संस्थानों में प्रशिक्षण भी दिया जाता है. किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए संस्थान और विभाग आदिवासी महिलाओं को ट्रेनिंग देती है, ताकि वो अपनी आय बढ़ा सकें. इसके लिए पोटका प्रखंड ओर बोड़ाम प्रखंड की 25 आदिवासी महिलाओं को रंगीन मछली पालन के लिए संसाधन उपलब्ध कराया गया और उन्हें एक टब, जाली, छन्नी के साथ सामग्री दी गई. कार्यालय परिसर में रंगीन मछलियों का छोटा चारा पाला जाता है जिसे ग्रामीण महिलाओं को निःशुल्क दिया जाता है. जिसे वो अपने घर मे दिए गए संशाधन में पालकर बड़ा करती और फिर उन्हें बेच कर आभ कमाती हैं.