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जमशेदपुर में महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, कचरे में फेंकने वाली चीजों से बना रहीं सजावट के सामान - आत्मनिर्भर भारत

जुगसलाई के निकट रहने वाली महिलाओं की टोली बालू, खराब बॉटल, जन्मदिन में उपयोग किए जाने वाले धागे के प्रयोग से आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद खड़ी कर रही हैं. ये सभी महिलाएं प्रतिदिन दो घंटे काम करके तकरीबन पांच हजार रुपए से ज्यादा महीने में कमा रही हैं.

Women are becoming self dependent in Jamshedpur
जमशेदपुर में महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

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Published : Mar 14, 2021, 1:53 AM IST

Updated : Mar 14, 2021, 3:34 AM IST

जमशेदपुर: जुगसलाई में रहने वाली महिलाओं की टोली केंद्र की मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत की राह पर चल रही है. कचरे में फेंके जानी वाली वस्तुओं से न सिर्फ घर संवार रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद भी खड़ी कर रही हैं.

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जुगसलाई के निकट रहने वाली महिलाओं की टोली बालू, खराब बॉटल, जन्मदिन में उपयोग किए जाने वाले धागे के प्रयोग से आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद खड़ी कर रही हैं. ये सभी महिलाएं प्रतिदिन दो घंटे काम करके तकरीबन पांच हजार रुपए से ज्यादा महीने में कमा रही हैं.

200 से 400 रुपये है कीमत

जुगसलाई की रहने वाली रीता देवी पिछले 2 साल से कुंट से बनी गुड़िया बना रही हैं. वहीं, कई ऐसी महिलाओं का समूह है, जो चाट, घर में सजावट में प्रयोग किए जाने वाले टेबल क्लॉथ बना रही हैं. ये सभी महिलाएं कचरे के ढेर में फेंके जानी वाली वस्तुओं से इसे बना रही हैं. इन सभी महिलाओं की ओर से बनाई गई वस्तुओं की बाजार में भी डिमांड बढ़ती जा रही है. छोटी गुड़िया का दाम बाजार में 200 रुपए से लेकर 400 रुपए तक है.


Last Updated : Mar 14, 2021, 3:34 AM IST

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