जमशेदपुर: इस्पात उद्योगों में क्रांति लाने वाला शहर जमशेदपुर 100 साल का हो गया. कालीमाटी के नाम से जमशेदपुर बना यह शहर आज ना सिर्फ झारखंड में बल्कि देश के मानचित्र में अपनी खास पहचान रखता है.
जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने 1907 में इस्पात उद्योग के क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति लाने के लिए नींव रखी थी. जमशेदपुर शहर का पुराना नाम साकची गांव था और जिसकी आबादी महज सैकड़ों में थी.
वायसराय चेम्सफोर्ड टाटा स्टील कंपनी से थे प्रभावित
टाटा स्टील कंपनी खुलने के बाद लोग देश और दुनियां में इसका नाम नहीं जानते थे, लेकिन 2 जनवरी 1919 में भारत के दूसरे वायसराय चेम्सफोर्ड अपनी टीम के साथ टाटा स्टील कारखाने को देखने साकची पहुंचे थे. जहां उन्होंने संबोधन में कहा कि मैं इस कंपनी से काफी प्रभावित हूं.
साकची गांव का नाम जमशेदपुर रखा गया
2 जनवरी 1919 में वायसराय चेम्सफोर्ड ने साकची गांव का नाम बदलकर जमशेदपुर रखने की घोषणा की.
कालीमाटी रेलवे स्टेशन का नाम बदला
जनवरी में ही कालीमाटी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर टाटानगर रेलवे स्टेशन रखा गया.
जमशेदपुर में कब क्या आया
- 1911 में बिष्टुपुर प्रधान डाकघर की शुरुआत की गई.
- 1912 में फिल्म दिखाने की शुरुआत की गई.
- 1913 में टाउन हॉल तैयार किया गया, जिसे आज यूनाइटेड क्लब के नाम से जानते हैं.
- 1920 में टाटा वर्कर्स यूनियन की शुरुआत हुई
- 1921 में भारत का पहला टेक्निकल इंस्टीट्यूट एसएनटीआई की शुरुआत हुई
- 1932 में मुस्लिम लाइब्रेरी की स्थापना की गई
- 1937 में जेएल कीनन जिनकी याद को जीवंत रखने के लिए कीनन स्टेडियम बनाया गया
- 1942 में विश्व युद्ध के दौरान टाटा से निर्मित टैंक का निर्माण किया गया.
- 1975 में कैंसर अस्पताल की नींव रखी गई.
- जमशेदपुर का सबसे बड़े पार्क का उद्घाटन
- 1958 में देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जुबली पार्क का उद्घाटन किया, जो मुगल गार्डन के तर्ज पर बना है.
टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने बताया कि हमलोग बहुत खुश किस्मत हैं कि हम जमशेदपुर जैसे शहर में रहते हैं
वहीं जुस्को के एमडी तरुण डागा ने शहर के 100 साल पूरे होने पर खुशियां जाहिर की.
जिस शहर की आबादी कभी सैकड़ों में थी, उसकी आबादी आज 20 लाख से ज्यादा है. खरकई और स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसा यह शहर अपना 100वां जन्मदिवस मना रहा है. इस शहर को लोग क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी के नाम से भी जानते हैं.