जमशेदपुर: नियुक्ति निरस्त किये गये टीजीटी शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय से मिला और ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि सभी अधिसूचित 13 जिलों में पिछले साल नियुक्त टीजीटी की शिक्षकों की नियुक्ति को झारखंड हाई कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया था.
झारखंड उच्च न्यायालय के इस फैसले से उनके आश्रितों का जीवन दयनीय हो गया है, जब शिक्षक के रूप में उनकी बहाली हुई थी. उसके बाद मानदेय के अनुसार अपने बच्चों की पढ़ाई, गृह लोन, बीमा आदि लिया था.
अब अचानक उनकी नियुक्ति रद्द हो जाने से लोन की किस्त और बीमा का प्रीमियम के साथ ही बच्चों की फीस भरने पर भी संकट आ गया है. उन्होंने बताया कि अब स्थिति ऐसी बन गई है कि भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति है. उन्होंने विधायक सरयू राय से आग्रह किया है कि उनकी नियुक्ति को बरकरार रखने के लिए अपने स्तर से प्रयास करें.
ये भी पढ़ें-साहिबगंजः आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया प्रेमी जोड़ा, ग्रामीणों ने दोनों की पिटाई कर उतरवाए कपड़े
विधायक राय ने उनकी समस्या को सुनने के बाद मुख्यमंत्री और महाधिवक्ता से इस विषय पर बात की. राय ने कहा कि सरकार को उनकी परेशानियों की जानकारी है और सरकार उनका पक्ष रखने के लिए सरकार सर्वोच्च न्यायालय जा रही है. राय ने नियुक्त सभी शिक्षकों की नौकरी रद्द न हो इसके लिए अपने स्तर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. राय ने कहा कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि शिक्षकों को न्याय मिलेगा.