जमशेदपुर: इस्पात उद्योग में अपनी पहचान बनाने वाली 100 साल से ज्यादा पुरानी टाटा स्टील को ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट ने भारत के बेस्ट वर्कप्लेस का सम्मान दिया है. टाटा स्टील को यह सम्मान चौथी बार मिला है. टाटा स्टील ने यह जानकारी दी है कि ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट का वार्षिक प्रमाणन ने एक हाई-ट्रस्ट और हाई परफॉर्मेंस कल्चर प्रतिष्ठान बनाने की दिशा में टाटा स्टील के कार्यों को मान्यता प्रदान किया है. स्थापना के बाद से ही टाटा स्टील ने अपनी श्रमिक कल्याण योजनाओं के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और अपनी महत्वपूर्ण सामाजिक पहल के लिए खुद को एक अग्रणी लीडर के रूप में स्थापित किया है.
कंपनी ने अपने सभी ग्रुपों के लिए एक सक्षमकारी कार्यस्थल के निर्माण के उद्देश्य से एलजीबीटीक्यू पार्टनर्स को विस्तारित लाभ, एजाइल वर्किंग मॉडल्स और एक्सटेंडेड मैटरनिटी लीव जैसी व्यवस्था स्थापित करने वाली सुविधाएं लागू की है. कंपनी का विविधता और समावेशन कार्यक्रम ‘मोजाइक’ लैंगिक विविधता, दिव्यांग पारिश्रमिक और समावेशन और एलजीबीटीक्यू आदि को शामिल करने की पहल को सक्षम बना रहा है.
ग्रेट प्लेस टू वर्क के रूप में मिली मान्यता
टाटा स्टील की वीपी एचआरएम आत्रेयी एस सान्याल ने कहा कि एक और साल के लिए ग्रेट प्लेस टू वर्क के रूप में मान्यता दी गयी है और प्रमाणित किया गया है. उन्होंने बताया कि लोग हमारी प्रतिस्पर्धा के प्राथमिक स्रोत हैं. जिन्हें हमने अपने सभी व्यवस्थाओं में हमेशा आगे रखा है. उन्होंने हमेशा एक ऐसे संस्थान के निर्माण में विश्वास किया है जो कर्मचारी के सशक्तीकरण और उच्च स्तर के प्रदर्शन से प्रेरित हो.