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टाटा मोटर्स में फिर ब्लॉक क्लोजर, दुकानदारों के माथे पर छाई शिकन की लकीरें

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Published : Sep 17, 2019, 9:32 PM IST

एक बार फिर टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर को घोषणा कर दी गई है. टाटा मोटर्स में जुलाई, अगस्त, सितंबर, महीने में कई बार ब्लॉक क्लोजर हो चुका है. आम तौर पर टाटा मोटर्स में 13 से 15 हजार तक प्रति महीने बनाने वाली टाटा मोटर्स आज कल 2 से 3 हजार वाहन ही बना रही है. टाटा मोटर्स पर पूरी तरीके से निर्भर छोटे-मंझौले दुकानदार भी अपनी दुकान बंद करने को मजबूर हो चुके हैं. टाटा मोटर्स पर निर्भर आदित्यपुर से हजारों छोटे और मंझौले उद्योग भी बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

पशुओं को खाना खिलाता दुकानदार

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर के बाद सोमवार को कंपनी खुली. विश्वकर्मा पूजा के बाद 18 सितंबर को भी एक दिन का ब्लॉक क्लोजर रहेगा. ऑटो मोबाइल सेक्टर में मंदी की मार का टाटा मोटर्स पर बुरा असर पड़ा है.

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एक बार फिर टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर को घोषणा कर दी गई है. टाटा मोटर्स में जुलाई, अगस्त, सितंबर महीने में कई बार ब्लॉक क्लोजर हो चुका है. आम तौर पर टाटा मोटर्स में 13 से 15 हजार तक प्रति महीने बनाने वाली टाटा मोटर्स आज कल 2 से 3 हजार वाहन ही बना रही है. टाटा मोटर्स पर पूरी तरीके से निर्भर छोटे-मंझौले दुकानदार भी अपनी दुकान बंद करने को मजबूर हो चुके हैं. टाटा मोटर्स पर निर्भर आदित्यपुर से हजारों छोटे और मंझौले उद्योग भी बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

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टाटा मोटर्स में बार-बार ब्लॉक क्लोजर होने के साथ लौहनगरी के ढाबे वालों, दुकानदारों, मजदूरों को इसकी चिंता सताने लगी है. कंपनी के उत्पादन में आई गिरावट के कारण ब्लॉक क्लोजर किया जा रहा है. वहीं, टाटा मोटर्स में कार्यरत सैकड़ों अस्थाई कर्मियों को भी कुछ दिनों के लिए बैठा दिया गया है. कंपनी में कम गाड़ी बनने की वजह से चेसिस बुकिंग की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.

लौहनगरी, कांड्रा रोड समेत औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों पर आम दिनों की अपेक्षा चहलकदमी में कमी देखी जा रही है. लिहाजा सालों बाद ऐसी स्थिति का सामना मजदूर से लेकर कंपनियां करने वाली हैं. कांड्रा की सड़कें टाटा से रांची को जोड़ती हैं. यहां हर दिन सौ से दो सौ ट्रक टाटा मोटर्स के लिए खड़े रहते थे.

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