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टॉफी, टी-शर्ट घोटाला की एसीबी या सीबीआई से हो जांच, सरयू राय ने सीएम को लिखा पत्र

जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने टॉफी, टी-शर्ट, गीत-संगीत, साज-सज्जा घोटाले की जांच सीबीआई(CBI) से कराने की मांग की है.

saryu rai wrote a letter to cm about toffee and t-shirt scam in jamshedpur
सरयू राय, विधायक

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Published : Jun 25, 2021, 5:48 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 7:39 PM IST

जमशेदपुरः सरयू राय ने पत्र में जिन घोटालों की चर्चा की है, उन घोटालों के सभी केंद्रीय पात्र जमशेदपुर से जुड़े हैं. यह घोटाला वर्ष 2016 और 2017 में 15 नवंबर को हुए झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में स्कूली बच्चों के बीच टॉफी, टी-शर्ट बांटने और गीत-संगीत की महफिल सजाने और रांची शहर की साज-सज्जा से संबंधित हैं. इस घोटाले की जांच विधानसभा की समिति कर रही है. झारखंड उच्च न्यायालय में भी एक रिट याचिका पर सुनवाई चल रही है.

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राज्य स्थापना दिवस समारोह, 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिये एक प्रिंटेड टी-शर्ट और टॉफी का एक पैकेट बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदा गया था. टॉफी की खरीद सिदगोड़ा, जमशेदपुर के लल्ला इंटरप्राइजेज से और टी-शर्ट की खरीद कदमा, जमशेदपुर के प्रकाश शर्मा के माध्यम से कुडु फैब्रिक्स, लुधियाना से दिखाई गई.

सरयू राय, विधायक

प्रारम्भिक जांच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लल्ला इंटरप्राइजेज ने न तो एक भी टॉफी खरीदा और न ही बेचा, परंतु एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया और उस पर बिक्री कर (वैट) का करीब 4 लाख रूपये का भुगतान कर दिया. वाणिज्य कर विभाग ने टॉफी की बिक्री छुपाने के लिये लल्ला इंटरप्राइजेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगा दिया है.

कुडु फैब्रिक्स, लुधियाना के स्थानीय एजेंट कदमा, जमशेदपुर निवासी प्रकाश शर्मा के माध्यम से 5 करोड़ रुपये की टी-शर्ट की खरीदी लुधियाना के कुडू फैब्रिक्स से दिखाई गई है. पर झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिये रोड परमिट नहीं दिया है. टी-शर्ट की इतनी बड़ी खेप लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से आई या रेल मार्ग से आई इसकी सूचना वाणिज्य कर विभाग को नहीं है. पर भुगतान पूरा हो गया है. अब झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने पंजाब सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी है.

15 नवंबर 2016 को पूर्व निर्धारित मनोरंजन कार्यक्रमों के बीच एक घंटा के लिये फिल्मी पार्श्व गायिका सुनिधि चैहान का कार्यक्रम रखा गया. 9 नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव ने सुनिधि चैहान को बुलाने का प्रस्ताव रखा, जिसपर करीब 44 लाख रुपया का खर्च बताया. प्रस्ताव स्वीकृत हो गया. परंतु इसपर कुल भुगतान दिखाया गया 55 लाख रुपये से अधिक.

इसके तीन दिन पहले 6 नवंबर 2016 को छठ पर्व पर सूर्य मंदिर परिसर, जमशेदपुर में सुनिधि चैहान का गीत कार्यक्रम हुआ था. तत्कालीन मुख्यमंत्री ही उस समय तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक थे. सरकार ने तो 15 नवंबर के सुनिधि चैहान के एक घंटा के प्रोग्राम के लिये 55 लाख रुपया से अधिक का भुगतान किया. पर सवाल है कि सूर्य मंदिर समिति ने उन्हें कितने का भुगतान किया? या सरकार ने ही दोनों कार्यक्रमों का भुगतान कर दिया.

इसके अतिरिक्त रांची शहर में एक दिन की सजावट पर बिजली विभाग ने 15 नवंबर 2016 को 4 करोड़ रुपये से अधिक खर्च दिखाया है. यह खर्च 2017 में करीब 2 करोड़ रुपये है. 2016 के कार्यक्रम में कुल खर्च करीब 9.50 करोड़ रुपया दिखाया है, जबकि यही खर्च 2017 के राज्य स्थापना दिवस पर करीब 12 करोड़ रुपये से अधिक दिखाया गया है. 2017 में प्रभात फेरी के लिये टॉफी की खरीद मां लक्ष्मी भंडार, जुगसलाई से और टी-शर्ट की खरीद आदित्यपुर के प्रतीक फैबनिट से की गई.

Last Updated : Jun 25, 2021, 7:39 PM IST

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