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भाजपा से नहीं बनी बात तो दुमका उपचुनाव में जदयू उतारेगी प्रत्याशी: सालखन मुर्मू

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान बताया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू मिलकर चुनाव लड़ेगी और सरकार एनडीए की ही बनेगी. वहीं उन्होंने कहा है कि बिहार की तर्ज पर झारखंड के 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा जदयू के साथ मिलकर चुनाव लड़े. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा से बात नहीं बनी तो दुमका उपचुनाव में जदयू प्रत्याशी उतारेगी.

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सालखन मुर्मू

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Published : Sep 27, 2020, 3:44 PM IST

जमशेदपुर: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद झारखंड के बेरमो और दुमका में उपचुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. बिहार में भाजपा के साथ चुनाव लड़ने वाली जदयू झारखंड की इन 2 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया है कि भाजपा से अगर सहमति नहीं मिली तो दुमका सीट पर जदयू अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. वहीं प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि संथाली भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए 15 अक्टूबर को आंदोलन होगा.

सालखन मुर्मू का बयान

जमशेदपुर में कदमा स्थित आवासीय कार्यालय में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सलखन मुर्मू ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान बताया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू मिलकर चुनाव लड़ेगी और सरकार एनडीए की ही बनेगी. वहीं उन्होंने कहा है कि बिहार की तर्ज पर झारखंड के 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा जदयू के साथ मिलकर चुनाव लड़े. इसके लिए जदयू भाजपा को सहयोग करने के लिए तैयार है. प्रदेश अध्यक्ष ने बताया है कि भाजपा दुमका से चुनाव नहीं लड़ना चाह रही है. वह बेरमो से चुनाव लड़ना चाहती है. इस मुद्दे पर पार्टी के आलाकमान नीतीश कुमार को जानकारी दे दी गई है. अगर झारखंड में भाजपा के साथ सहमति नहीं बनती है तो जदयू हर हाल में दुमका से चुनाव लड़ेगी.

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रामेश्वर मुर्मू हत्याकांड में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सीबीआई जांच कराने की घोषणा किए जाने के बाद आदिवासी सेंगेल अभियान के नेता सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि सेंगेल अभियान के दबाव पर राज्य सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा है. उन्होंने मांग कि है कि वीर बिरसा मुंडा और सिद्धो-कान्हू के वंशजों को जीविका चलाने के लिए सरकार दोनों के नाम पर 100 करोड़ फिक्स्ड डिपॉजिट करें. जिससे ब्याज की राशि से उनकी जीविका चल सके, सालखन मुर्मू ने बताया है कि लंबे समय तक आंदोलन करने के बाद 2003 में संथाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है. लेकिन इसे हिंदी की तर्ज पर राजभाषा का दर्जा मिले इसके लिए बिहार, बंगाल, ओडिशा, असम और झारखंड में 15 अक्टूबर को आंदोलन किया जाएगा.

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