जमशेदपुर: शहर के मानगो की रहनेवाली साफिया ने बचपन में डिप्रेशन से जंग जीता, उसके बाद अब लॉकडाउन में कइयों की जान बचा चुकी हैं. साफिया अपने घर पर ही काउंसलिंग कर लोगों को डिप्रेशन का शिकार होने से बचा रहीं है इसके अलावा आत्महत्या की सोच रखने वालों के चेहरे पर मुस्कान लाने के जिम्मेदारी भी निभा रही हैं. साफिया का कहना है वर्तमान समय में एकल परिवार की कमी से लोगडिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं आपस में बातें करते रहना जरूरी है.
जमशेदपुर: लोगों को डिप्रेशन का शिकार होने से बचा रही साफिया, बचपन में की थी आत्महत्या की कोशिश - लोगों को डिप्रेशन का शिकार होने से साफिया बचा रही है
जमशेदपुर की साफिया काउंसलिंग कर लोगों को डिप्रेशन का शिकार होने से बचा रहीं है इसके अलावा आत्महत्या की सोच रखने वालों के चेहरे पर मुस्कान लाने के जिम्मेदारी भी निभा रही हैं.
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बता दें कि जमशेदपुर में लॉकडाउन खुलने के बाद प्रतिदिन आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं. आत्महत्या करने वालों में 30 वर्ष से कम उम्र के युवा भी शामिल है. डिप्रेशन में आत्महत्या की सोच रखने वाले सौरभ और अमीरा अशरफ ने साफिया की काउंसलिंग से खुद को स्थापित किया है. सौरभ कमाने में विफल होकर डिप्रेशन में आकर आत्महत्या करने के प्रयास में था. वहीं अमीरा ने बताया कि वो पढ़ना चाहती थी जबकि पापा शादी करवाना चाहते थे जिससे वो फांसी लगाने वाली थी लेकिन साफिया अख्तर से मिलकर आज वो कॉलेज में पढ़ाई कर रही है.