जमशेदपुर: एक तरफ कोरोना लॉकडाउन के कारण सारी चीजें बंद हैं तो वही दूसरी ओर रिक्शा चालक सड़कों पर नजर आ रहें हैं. रिक्शा चालक रोज रिक्शा चलाकर अपना और परिवार चलाता था लेकिन इस लॉकडाउन के कारण कमाई भी बंद हो गई है. वह इस विकट परिस्थिति में जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर में रोजाना पहुंच कर खाने की व्यवस्था करता है.
बता दें कि लॉकडाउन के पहले वह हर दिन दो से तीन सौ कमा लेता था. उस पैसे से वह अपना और परिवार का पेट भर लेता था लेकिन लॉकडाउन के बाद कमाई उसकी बंद हो गई हैं. लेकिन उसे जानकारी हुई कि साकची चौक में लोगों को खाना दिया जाता है तो वह रिक्शा सहित साकची गोलचक्कर पहुंचा जाता और अपने और परिवार के लिए खाना की व्यवस्था आने वाले लोगों से कर लेता है.
वही हाल हजारीबाग के रहने वाले द्वारिका यादव का है जो जमशेदपुर में कई सालों से रिक्शा चलाते आ रहे हैं लेकिन लॉकडाउन होने के कारण उसकी भी कमाई बंद हो गई है. वे खाने के समय साकची गोलचक्कर आ जाते हैं, जहां उन्हें दो समय का भोजन मिल जाता है. हालांकि द्वारिका को इस बात का भी इंतजार है कि सरकार उन लोगों के लिए कुछ आर्थिक रूप से भी मदद करें.