जमशेदपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ ही देशभर में ऑक्सीजन की भारी कमी होने लगी है. ऑक्सीजन की कमी के कारण रोजाना सैकड़ों लोगो की जान जा रही है. केंद्र सरकार ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने के साथ ही कई जरूरी कदम उठा रही है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है. ऐसे में मऊ भंडारी स्थित भागवती ऑक्सीजन प्लांट के उपयोग को लेकर चर्चा जोरों पर है. लोग सवाल कर रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए मऊ भंडार के भगवती ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है.
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दरअसल, केंद्र सरकार जिस पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की बात कर रही है वैसा ही ऑक्सीजन प्लांट मऊ भंडार में पहले से ही स्थापित है. इस प्लांट की स्थापना इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए हुई, लेकिन सरकार चाहे तो प्लांट का उपयोग मेडिकल ऑक्सीजन के लिए भी कर सकती है.
मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई में सक्षम है भगवती प्लांट
भगवती ऑक्सीजन प्लांट के निदेशक हिमांशु शर्मा की मानें, तो भगवती प्लांट मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस पर निर्णय राज्य सरकारें और एचसीएल को लेना है. उन्होंने एचसीएल प्रबंधन को पहले ही इस बात से अवगत करा दिया है कि प्लांट मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए तैयार है. केंद्र सरकार ने जीपीएस ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपए पारित किया है. उसी का स्वरूप भगवती ऑक्सीजन प्लांट है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्लांट की ऑक्सीजन की शुद्धता का मानक 93 प्रतिशत है, जो भागवती ऑक्सीजन प्लांट की भी क्षमता है.
93 प्रतिशत पीएसए प्लांट की अंतरराष्ट्रीय ऑक्सीजन शुद्धता की मानक क्षमता
मऊ भंडार के पुत्र लूटी गांव में भगवती ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड एनसीएलटी यूनिट इंडियन कॉपर कांपलेक्स आईसीसी के लिए की गई है. आईसीसी के प्लांट में इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की सप्लाई भागवती ऑक्सीजन प्लांट डायरेक्ट करती है. कुछ वर्ष पूर्व ऑक्सीजन प्लांट का एक्सपेंशन भी किया गया है. प्लांट में उत्पादित ऑक्सीजन की शुद्धता 93 फीसदी है. आईसीसी ने प्रोडक्शन बंद होने के कारण दिसंबर 2019 से ही ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादन बंद है. उम्मीद की जा रही है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से लड़ने के लिए आने वाले दिनों में प्लांट का सही उपयोग किया जा सकता है.