जमशेदपुरः देश में कोरोना के दूसरे चरण में विभिन्न प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है, जिसके कारण कई संक्रमितों की मौत हो रही है. ऐसे हालात में देश के कई ऐसे प्रदेश जहां ऑक्सीजन प्लांट हैं उनकी मदद से मेडिकल ऑक्सीजन रेल और सड़क मार्ग से कमी वाले राज्यों में भेजी जा रही है. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है.
ग्रीन कॉरिडोर बना जमशेदपुर से हैदराबाद भेजी गई 'संजीवनी', रवाना की गई 120 टन मेडिकल ऑक्सीजन
जमशेदपुर रेलमार्ग से देश के विभिन्न प्रदेशों में संक्रमितों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन भेजी जा रही है. इसके तहत आब देश के तीन अलग-अलग शहरों में मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गई है. इसमें पहली बार हैदराबाद के लिए जीवन रक्षक ट्रेन से भेजी गई 120 टन मेडिकल ऑक्सीजन भी शामिल है.
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इधर, जमशेदपुर के टाटानगर गुड्स यार्ड से रेलमार्ग के जरिये देर रात तक तीन खेप में लखनऊ , कानपुर और हैदराबाद के लिए मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गई. जमशेदपुर के बर्मामाइंस क्षेत्र में स्थित लिंडे ऑक्सीजन प्लांट से 20 टन की क्षमता वाले 2 टैंक से कुल 40 टन मेडिकल ऑक्सीजन को कानपुर भेजी गई. वहीं, 10 छोटे टैंक में कुल 80 टन मेडिकल ऑक्सीजन को लखनऊ भेजी गई, जबकि पहली बार हैदराबाद के लिए 20 टन की क्षमता वाले 6 टैंक में कुल 120 टन मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गई. जानकारी के अनुसार आरपीएफ टीम की निगरानी में जीवन रक्षक ट्रेन से ऑक्सीजन भेजा जा रही है. ट्रेन के मार्ग में कोई रुकावट ना हो इसके लिए रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है.