जमशेदपुर: केंद्र सरकार की ओर से चलित स्पेशल ट्रेन से रविवार को कोटा में फंसे छात्र-छात्राएं सकुशल जमशेदपुर पहुंच गए. कई स्तरों पर हुई हेल्थ स्क्रीनिंग के बाद सभी स्टूडेंट्स को जिला प्रशासन ने होम क्वॉरेंटाइन किया है.
घर घुसने से पड़ोसियों ने रोका
वहीं, बाराद्वारी की रहने वाली छात्रा संजीता मुंडा जब सुबह अपने घर पहुंची तो उन्हें पड़ोसियों के विरोध का सामना करना पड़ा. कोरोना को लेकर लोग दहशत में थे और दूसरे राज्य से आने के कारण छात्रा को घर में नहीं जाने दिया. आस पड़ोस के लोगों के विरोध के कारण कई घंटों तक छात्रा घर के बाहर ही हताश और परेशान रुकी रही.
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पुलिस ने तुरंत की मदद
वहीं, मामले की जानकारी मिलते ही पूर्व विधायक और भाजपा के युवा नेता कुणाल षाड़ंगी ने ट्विटर पर मामले की शिकायत करते हुए जिला उपायुक्त और मुख्यमंत्री से युवती की मदद के लिए आग्रह किया. कुणाल षाड़ंगी की ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त के निर्देश पर जमशेदपुर पुलिस हरकत में आई. तुरंत नजदीकी सीतारामडेरा थाना से पुलिस बल मौके पर पहुंचकर कोटा से आई छात्रा को उनके घर में प्रवेश कराया. इस मामले में जिला प्रशासन और जमशेदपुर पुलिस ने मदद की सूचना ट्विटर पर ही पूर्व विधायक को दी.
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छात्रा ने भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी और जमशेदपुर प्रशासन का आभार जताया
मदद मिलने पर छात्रा संजीता मुंडा ने भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी और जमशेदपुर प्रशासन के प्रति आभार जताया है. भाजपा युवा नेता कुणाल षाड़ंगी ने भी ट्विटर पर ही जमशेदपुर पुलिस और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया है. कुणाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर जमशेदपुर की जनता जागरूक है, यह सराहनीय है. लेकिन कठिन समय में भी हमें महिलाओं का सम्मान नहीं भूलना चाहिए. स्थानीय लोगों के विरोध के कारण छात्रा कई घंटों तक अपने ही घर के बाहर लगेज सहित खड़ी रही, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
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'सम्मान किया जाना चाहिए'
पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि लोगों में जागरूकता और जानकारी का अभाव होने से ही ऐसे मामले सामने आते हैं. उन्होंने बताया कि बाहर फंसे छात्र-छात्राओं, श्रमिकों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें सराहनीय प्रयास कर रही हैं. इसके लिए स्पेशल ट्रेन संचालित किए गए हैं. दूसरे राज्य से आने वाले लोगों की तीन से चार स्तरों पर हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है. अपने शहर पहुंचने के बाद भी स्थानीय जिला प्रशासन उनकी स्क्रीनिंग कर रही है और उसके बाद होम क्वॉरेंटाइन के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं. कुणाल ने लोगों से अपील किया कि दूसरे प्रदेशों और जिले से आने वाले स्टूडेंट्स और कामगारों का मनोबल बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने हमसे ज्यादा कठिनाइयां झेली हैं, उनका हर स्तर पर सहयोग और सम्मान किया जाना चाहिए.