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नक्सलियों ने दी गीतांजलि एक्सप्रेस उड़ाने की धमकी, रेल अधिकारियों में मचा हड़कंप - गीतांजलि एक्सप्रेस को पहंचा सकते हैं नुकसान

नक्सलियों ने हावड़ा-मुंबई गीतांजलि एक्सप्रेस उड़ाने की धमकी दी है. इसके बाद रेल अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं इसे लेकर खुफिया विभाग ने रेलवे को अलर्ट किया है.

नक्सलियों ने दी गीतांजलि एक्सप्रेस उड़ाने की धमकी

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Published : Oct 10, 2019, 4:05 AM IST

जमशेदपुर: नक्सलियों ने हावड़ा-मुंबई गीतांजलि एक्सप्रेस को सीनी-खरसावां स्टेशन के बीच उड़ाने की धमकी दी है. इसके लिए बकायदा 20 की संख्या में महिला पुरुष नक्सलियों का जत्था इस इलाके में आ गया है. यही नहीं 8 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच कभी भी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. वहीं इसे लेकर खुफिया विभाग ने रेलवे को अलर्ट किया है.

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अधिकारियों में मचा हड़कंप
खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. इसे देखते हुए आरपीएफ, जीआरपी और जिला पुलिस संयुक्त रूप से गीतांजलि एक्सप्रेस और उस मार्ग में गुजरने वाली अन्य ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत सीनी और खरसावां के बीच ट्रेनों को नियंत्रित कर चलाया जा रहा है.

सीनियर अधिकारियों को लिखा पत्र
इसे लेकर चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर आरपीएफ कमांडेंट डीके मौर्य ने चक्रधरपुर के सीनियर DOM, SR DEN ( कोऑर्डिनेटर) और सीनियर DEE(OP) को पत्र लिखकर कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि महेश्वर मोहाली, रंजीत मोहाली और शानी नामक नक्सलियों ने गीतांजलि एक्सप्रेस को सीनी-खरसावां सेक्शन के महालीमुरूप स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त कराने की योजना बनाई है. इसके लिए झींकपानी,कुचाई और खरसावां से 20 की संख्या में पुरूष और माहिला नक्सली पहुंच चुके हैं.

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मालगाड़ी या पायलट इंजन दौड़ाने का मिला पत्र
यह लोग 8 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच किसी भी दिन पटरी को ब्लास्ट करके गीतांजलि एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त कर सकते हैं. वहीं उन्होंने सीनियर और सहायक लोको पायलट को भी ड्यूटी पर सावधान रहने का सुझाव दिया गया है. गीतांजलि एक्सप्रेस के आगे मालगाड़ी या पायलट इंजन दौड़ाने का पत्र परिचालन विभाग को मिला है.

पहले भी दे चुके हैं घटना को अंजाम
बता दें कि नक्सलियों ने 28 मई 2010 को खड़गपुर के पास ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को को दुर्घटनाग्रस्त करवा दिया था. ट्रेन की दुर्घटना होने के बाद ही मालगाड़ी की टक्कर उसी ट्रेन से हो गई थी. जिसमें 148 लोगों की मौत हो गई थी, इस घटना के बाद हावड़ा टाटा रेल सेक्शन में कई महीनों तक रात्रि कालीन ट्रेन सेवा बंद थी.

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