जमशेदपुर: लौहनगरी कभी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खिलाड़ियों के नाम के लिए जाना जाता था. नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी शबनम इन दिनों अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण एक बेकरी में सेल्स गर्ल की नौकरी करने को मजबूर है.
बेकरी में काम करने को मजबूरसरकार की अनदेखी के कारण कुछ खिलाड़ी आज परेशानियों में जी रहे हैं. उन्हीं में से एक है शबनम. 2019 में नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी शबनम अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से इन दिनों बिष्टुपुर के एक बेकरी में सेल्स गर्ल के तौर पर काम करने को मजबूर है. शबनम के पिता एक सुरक्षा गार्ड हैं और वे कर्ज में डूबे हुए हैं.
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नहीं मिलता समय
ऐसे में शबनम ने नौकरी कर अपने पिता के सिर से कर्ज का बोझ उतारने का फैसला लिया और बेकरी में काम करने लगी. इन सब परेशानियों के बावजूद शबनम कहती हैं कि गेम मेरी जिंदगी है और मेरी इंटरनेशनल गेम खेलने की तमन्ना है. लेकिन प्रेक्टिस करने का समय नहीं मिल पाता है. शबनम ने बताया कि सुबह सिर्फ 2 घंटे प्रैक्टिस कर पाती हैं. जिसके बाद सुबह 9:00 से शाम 7:00 बजे तक बेकरी में काम करती हैं.
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सरकार से मदद की उम्मीद
उन्होंने कहा कि अगर सरकार से मदद मिल जाती तो उसके लिए एक बहुत बड़ी उम्मीद होगी. शबनम 2014 में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब में हैंडबॉल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है. शबनम का पूरा परिवार बिस्टुपुर के एक किराए के घर में रहता है. शबनम घर में सबसे छोटी बहन है. शबनम की मां कहती हैं कि बिटिया को सरकार के तरफ से कोई आर्थिक मदद मिल जाए तो झारखंड के लिए गोल्ड मैडल ला सकती है.