जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम जिला में बन रहे धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के मामले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो और पूर्व नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री सह हजारीबाग के सासंद जयंत सिन्हा ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला.
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जमशेदपुर परिसदन में बीजेपी के दोनों सांसदों ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन कर एयरपोर्ट के निर्माण में देरी के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है. सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि वो इस मामले को लेकर संसद में प्रश्नकाल के दौरान सवाल भी उठाया था, मेरे सवाल के जवाब में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्र सरकार की तरफ से अपनी बातों को रखा. उन्होंने बकायदा लिखित रूप से मुझे इसका जवाब दिया.
जानकारी देते सांसद विद्युत वरण महतो उन्होंने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एटीआर 72 प्रकार के विमान के प्रचालन के लिए 99.36 करोड़ रुपए की लागत से धालभूमगढ़ हवाई अड्डे का विकास कर रहा है. यही नहीं नागर विमानन विभाग ने झारखंड सरकार को पत्र के माध्यम से सलाह दी थी कि वह मुख्य वन्य वार्डन के साथ समन्वय के लिए एक फॉरेस्ट क्लीयरेंस कंसलटेंट की नियुक्ति करें ताकि परियोजना की मंजूरी के लिए पर्यावरण मूल्यांकन समिति को प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सके.
जानकारी देते सांसद जयंत सिन्हा सांसद ने बताया कि उस चिट्ठी के आलोक में राज्य सरकार के नागर विमानन विभाग ने इस उद्देश्य के लिए ऐप सीसी नियुक्त कर लिया. AAI राज्य सरकार एवं उनके सलाहकार के साथ पर्यावरण मंजूरी एवं अन्य संबंधित मुद्दों को हल करने का निरंतर प्रयास कर रहा है ताकि परियोजना का कार्य शीध्र शुरू किया जा सके, पर धरातल पर कुछ नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बन जाने से ना सिर्फ जमशेदपुर की जनता बल्कि पड़ोसी राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
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पूर्व नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री सह हजारीबाग सासंद जयंत सिन्हा ने कहा कि यह राज्य सरकार विकास विरोधी है. जिसका नतीजा यह है कि केंद्र सरकार की ओर से राशि दिए जाने के बाद भी झारखंड सरकार की स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण यह एयरपोर्ट अधर पर लटका है, यही हाल हजारीबाग एयरपोर्ट का भी है. उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में इस एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था और राशि तक उपलब्ध करा दी थी, पर दुर्भाग्य है कि आज तक यह निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.