जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के बर्मामाइंस इलाके के सिक्योरिटी फ्लैट एरिया में स्थित एक नीम के पेड़ से सफेद रंग का द्रव्य निकल रहा. जो पूरे में शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिसे लोग मीठा दूध समझ कर प्रसाद के रुप में पी रहे. यहीं नहीं लोग इसे आस्था का नाम देकर अंध्विश्वास में पूजा पाठ और चढ़ावा चढ़ा रहे जो आज के वैज्ञानिक युग में ऐसी किसी भी अफवाह पर हमें विश्वास करना नहीं सिखाती है.
जमशेदपुर के बर्मामाइंस इलाके में एक नीम के पेड़ से 15 फीट की ऊचांई से पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ निकल रहा. जिसकी चर्चा पूरे शहर में आग की तरह फैल गयी है. दूर-दराज से लोग इसे देखने आ रहे. वहीं नीम के पेड़ को चारों तरफ से धागे से घेरा बना दिया गया है और एक नोटिस बोर्ड भी लगाया गया है.
लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं और पेड़ की पूजा अर्चना भी कर रहे हैं. पेड़ की पूजा करने के लिए आस-पास के अलावा दूर दराज से महिलाएं आ रही हैं. पेड़ से निकलने वाला सफेद दूध जैसा रस को प्रसाद के रुप में बांटा जा रहा है जबकि महिलाएं घर के अन्य सदस्यों के लिए उस रस को लेकर जा रही है.
वहीं, पूजा करने वाली वाली 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला लक्ष्मी देवी बताती हैं कि नीम के पेड़ से दूध निकलना मां शीतला माता का चमत्कार है. पेड़ बहुत देखे हैं लेकिन पहली बार नीम का पेड़ से दूध निकलते देख रहे हैं और हम पूजा भी कर रहे हैं. जबकि सोनी झा बताती हैं कि वह क्षेत्र में 10 साल से ज्यादा समय से रह रही हैं. पहली बार ऐसा चमत्कार उन्हें देखने को मिला है, वह मानती है कि जहां पूजा होता है भाव होता है भगवान वहीं आते हैं.
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बहरहाल, आधुनिक युग में डिजिटल इंडिया का एक तरफ जहां हम सपना देख रहे हैं. वहीं चमत्कारी पेड़ को दूर-दराज से देखने आने वाले लोगों का कहना है कि यह अविश्वसनीय घटना है. पहले न कभी सुना है न कभी देखा है. उनका मानना है कि इसका वैज्ञानिक कारण भी हो सकता है, लेकिन यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. वहीं पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ को बचाना अति आवश्यक है और किसी पेड़ पौधा को आस्था के रूप में पूजा करना अपने देश में पुरानी परंपरा है, लेकिन कड़वा स्वाद वाला नीम का पेड़ से मीठा दूध निकालना लोगों के लिए भले ही आस्था का केंद्र है, लेकिन यह चुनौती पूर्ण जांच का विषय भी है.