जमशेदपुर: अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के दिन वन विभाग ने हजारों पौधे लगाए थे. लेकिन उनमें से कितने पौधे बचते हैं, इसका आंकड़ा सामने नहीं आता है. वन विभाग के आंकड़े और धरातल पर पौधों की स्थिति में अंतर दिखाई देता है. यही वजह है कि लौहनगरी के युवाओं की टोली ने पौधों को बचाने के साथ-साथ खास उपकरण की सहायता से पौधों की जानकारी अब घर बैठे जाने इसकी एक खास तरीका निकाला है.
कई बार पौधे पानी की कमी के चलते मर जाते है. उनके तने कई बार इतने कमजोर होते हैं कि इसे आसानी से जानवर खा जाते हैं. उचित देखभाल नहीं मिलने के कारण पौधों की वृद्धि भी सही से नहीं हो पाती है. अबतक सरकार और वन विभाग के अधिकारियों ने इसका हल निकालने की कोशिश नहीं कि है. जिससे लगाए गए पौधों की बारे में जानकारी नहीं मिल पाती थी.
झारखंड में पहली बार एक युवाओं की टोली ने जीपीआरएस के साथ क्यूआर कोड लगाने का प्रयोग शुरू किया है. जिससे घर बैठे कभी भी फोन के माध्यम से लगाए गए पौधों पर नजर रखी जा सकती है. इसके इसके अलावा ये भी पता चल सकता है कि पौधे कितना विकास कर रहे हैं. ग्रीन नाम के सॉफ्टवेयर की मदद से ये सभी चीजें अपने स्मार्टफोन पर देखी जा सकेगी.