जमशेदपुर/चाईबासा: टाटा कमिन्स और टाटा मोटर्स कंपनी के मुख्यालय को पुणे में शिफ्ट करने के विरोध में जेएमएम कोल्हान प्रमंडल ने प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कंपनी के सभी गेट को 24 घंटे के लिए जाम कर दिया है और धरने पर बैठ गए हैं. जेएमएम विधायक संजीव सरदार ने बताया कि कंपनी को स्थापित करने के लिए पूर्वजों ने जमीन दी है. अब कंपनी अपनी नीति से भटक कर दूसरे राज्य में मुख्यालय स्थापित कर रही है. अगर कार्रवाई जल्द नहीं हुई तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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जेएमएम ने टाटा मोटर्स के नीति के खिलाफ विरोध जताया है. कोल्हान प्रमंडल के कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए 24 घंटे के लिए कंपनी का गेट जाम कर दिया है. टाटा कमिन्स टाटा मोटर्स कंपनी के मुख्यालय को महाराष्ट्र के पुणे में शिफ्ट किया जा रहा है. जिसका जेएमएम विरोध कर रहा है. भारी संख्या में जेएमएम के कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी के विधायक इस आंदोलन में धरना पर बैठे हैं. ढोल-नगाड़ों के साथ कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
टाटा स्टील पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप
वहीं पार्टी द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम को देखते हुए जिला प्रशासन ने कमान संभाल लिया है. मौके पर मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है. बिस्टुपुर स्थित टाटा स्टील कंपनी के गेट के सामने धरना पर बैठे विधायक संजीव सरदार ने बताया कि टाटा कंपनी को स्थापित करने के लिए पूर्वजों ने जमीन दी है और कंपनी को इस राज्य से खनिज संपदा मिल रहा है. जिससे उत्पादन हो रहा है. ऐसे में कंपनी झारखंड से अपने मुख्यालय को पुणे शिफ्ट कर वहां की नीति अपनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के साथ यहां की जनता भी कंपनी को पूरा सहयोग करती है. ऐसे में कंपनी की यह दोहरी नीति नहीं चलेगी.
चाईबासा में भी जेएमएम का हुड़का जाम कार्यक्रम
चाईबासा में भी जेएमएम कार्यकर्ताओं ने हुड़का जाम कार्यक्रम के तहत रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है. जेएमएम के नेताओं ने पूर्व से घोषित हुड़का जाम कार्यक्रम के तहत टाटा स्टील के नोवामुंडी और घाटकुरी स्थित टाटा लांग प्रोडक्ट कंपनी के विजय-2 खदान के मुख्य गेट को सुबह 6 बजे से ही जाम कर दिया. जेएमएम के पश्चिमी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सह चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव के नेतृत्व में हुड़का जाम कार्यक्रम चलाया गया है. सैकड़ों कार्यकर्ता दोनों जगहों पर मुख्य गेट और रेलवे साइडिंग के बाहर झंडा-बैनर लेकर जमा हैं. आयरन ओर की लोडिंग और अनलोडिंग का काम भी पूरी तरह से बंद हो गया है. इस बंदी से अकेले एसएलपीएल खदान में लगभग 10-15 हजार टन लौह अयस्क का उत्पादन और लगभग 4 हजार टन डिस्पैच प्रभावित होने का अनुमान है.