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जमशेदपुर में कोरोना जांच पर संकट, ट्रूनेट किट खत्म, स्वास्थ्यकर्मी भी हड़ताल पर गए - जमशेदपुर में कोरोना जांच किट खत्म

झारखंड में कोरोना का कहर वक्त के साथ बढ़ते जा रहा है. ऐसे में पूर्वी सिंहभूम जिले में रैपिड और ट्रूनेट किट की कमी के कारण कोरोना का जांच लगभग ठप हो गया है. इसके साथ ही जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण जिले में कोरोना मरीजों की स्थिति दयनीय बनी हुई है.

Interruption in treatment of corona in Jamshedpur
Interruption in treatment of corona in Jamshedpur

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Published : Aug 6, 2020, 2:46 PM IST

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम में कोरोना का कहर बदस्तूर जारी है. जिले में अब तक कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 2400 के करीब पहुंच गई है और मरने वालों की संख्या 71 हो गई है. अब जमशेदपुर में रैपिड और ट्रूनेट किट खत्म हो जाने की वजह से संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए भटकना पड़ रहा है.

जमशेदपुर में रैपिड और ट्रूनेट से होने वाली कोरोना संक्रमण की जांच लगभग ठप हो गया है. पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना जांच के लिए रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट राजधानी रांची से तीन हजार किट पूर्वी सिंहभूम जिले में उपलब्ध कराई गई थी, जो अब खत्म होने की कगार पर है. इसे देखते हुए रांची से फिर से स्वास्थ्य विभाग ने किट मांगी है. दरअसल, जमशेदपुर में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से तकरीबन 5 हजार से ज्यादा किट की मांग की गई है. रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट से कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट मात्र 15 से 20 मिनट में मिल जाती है. वहीं, ट्रूनेट मशीन से जांच करने वाले अनुबंध कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.

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पूर्वी सिंहभूम जिला स्वास्थ्य विभाग में संचालित ट्रूनेट मशीन के लिए कुल 9 टेक्नीशियन नियुक्त किए गए थे, जिसमें से 8 अनुबंध पर और एक स्थाई टेक्नीशियन शामिल थे. जिसमें अनुबंध के सारे टेक्नीशियन हड़ताल पर चले गए हैं. सिर्फ एक स्थायी टेक्नीशियन ही बचा है. जमशेदपुर में बीते दो दिन से कोरोना संक्रमण की जांच में 90 फीसदी की कमी देखी गई है. पूर्व में ट्रूनेट मशीन से रोजाना सौ से अधिक लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच होती थी. वर्तमान में 10 से 20 लोगों की जांच ही हो पा रही है. जिसके कारण आम लोगों को कोरोना संक्रमण की जांच कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आम लोगों को कोरोना के कहर से बचा पाना मुश्किल हो रहा है.

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