जमशेदपुर: मनरेगा मजदूरों से भी कम वेतन पाने वाली आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका एक बार फिर अपने वेतन और स्थायीकरण के मुद्दे को लेकर बड़ी संख्या में आंदोलित दिख रही हैं. मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र के पूर्वी सिंहभूम के आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को कई महीनों से मानदेय नहीं मिला है. पांच साल तक के बच्चों के पोषाआहर भी नहीं मिल रहे हैं.
सेविका व सहायिका का कहना है राज्य सरकार के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिलता है. समाज कल्याण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों से एक लाख 98 हज़ार लाभुक जुड़े हैं. जिले के 1722 आंगनबाड़ी केंद्रों में 1690 सेविका और 1639 सहायिका कार्यरत हैं. गर्भवती महिलाओं को मदद देना, कन्यादान योजना और उज्जवला योजना का प्रचार करना, मलेरिया की दवाई देना, जनगणना में ड्यूटी निभाना, आधार कार्ड बनवाना, राशन कार्ड बनवाना, यानी काम कई मगर वेतन महज 5 हजार 900 रुपए.