जमशेदपुर/घाटशिला: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का गृह जिले में शिक्षा विभाग के एक आदेश ने स्कूली बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल, विभाग ने साफ तौर पर कहा कि जर्जर हो चुके भवनों में बच्चों को नहीं पढ़ाया जाएगा. हालांकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए थी, जो नहीं की गई.
रघुवर दास के गृह क्षेत्र में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र, शिक्षा विभाग ने दिया ये हवाला
पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड में 60 मौजा दामपड़ा के कालापाथर मध्य विद्यालय की स्थापना साल 1933 में हुई. स्कूल में तीन कमरों का निर्माण 1982-83 में हुआ, वहीं, 35 साल बाद विभाग ने स्कूल भवन को जर्जर बताकर उसमें पढ़ाई नहीं कराने का आदेश दे दिया. इसके बाद स्कूल के केजी से छठवीं तक के विद्यार्थी पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं.
पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड में 60 मौजा दामपड़ा के कालापाथर मध्य विद्यालय की स्थापना साल 1933 में हुई. स्कूल में तीन कमरों का निर्माण 1982-83 में हुआ, वहीं, 35 साल बाद विभाग ने स्कूल भवन को जर्जर बताकर उसमें पढ़ाई नहीं कराने का आदेश दे दिया. इसके बाद स्कूल के केजी से छठवीं तक के विद्यार्थी पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं.
शिक्षक ने बताया कि इस विद्यालय में 187 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में फिलहाल 5 कमरे हैं. साल 1983 में बना भवन जर्जर हो गया है. इस वजह से 3 कमरों के भवन में बच्चों की कक्षाएं नहीं लेने का आदेश दिया है. भवन की छत में कई जगह दरार पड़ गई है.