जमशेदपुर: दस दिनों तक मां दुर्गा की आराधना कर दशमी के दिन मां की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है. विसर्जन ठीक से हो उसके लिए पूजा कमेटियों के द्वारा बड़े वाहनों का व्यवस्था की जाती है, लेकिन मानगो दुर्गा पूजा कमेटियों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहता है.
पालकी में बिठाकर मां दुर्गा को दी गई विदाई, पुरुष के साथ महिलाओं ने भी किया सहयोग
जमशेदपुर के मानगों में दुर्गा मां की नौ दिन पूजा अर्चना के बाद दशमी के दिन विदाई दी गई. हर ओर जहां विसर्जन के लिए वाहनों का प्रयोग किया जाता है, वहीं मानगो में दुर्गा मां की प्रतिमा को पालकी में बैठाकर विसर्जन के लिए ले जाया गया.
दुर्गा मां को दी गई विदाई
दरअसल, मानगो दुर्गा पूजा कमेटी दुर्गा मां की प्रतिमा का विसर्जन पालकी में बिठाकर करते हैं. पंडाल से लेकर स्वर्णरेखा नदी तक सभी पैदल ही नदी तक जाते हैं. सबसे पहले ढाकी उसके बाद कलश लेकर ग्यारह महिलाओं की टोली और अंत मे पालकी में सवार मां दुर्गा को विसर्जन के लिए लिए ले जाया जाता है. इस दौरान बारी-बारी से पुरुष और महिला पालकी लेकर नदी की ओर जाती है और नदी में विधि विधान से पूजा कर दुर्गा माता को विदाई दी जाती है.