जमशेदपुर: कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग की बात चारों ओर हो रही है. लेकिन झारखंड के संथाली समुदाय के रीति-रिवाज में शामिल है सोशल डिस्टेसिग. इनके घरों में आने वाले मेहमानों का बिना स्पर्श किए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए स्वागत किया जाता है. जिसे डोबो जोहार कहा जाता है.
कोल्हान में रहने वाले संथाली समाज के लोग सदियों से डोबो जोहार के माध्यम से अपने घरों में आने वाले मेहमानों का स्वागत किया जाता है. जानकारी के अनुसार जब भी इनके घरों में मेहमान आते हैं. तो घर की महिला सदस्य पहले आंगन में खटिया निकाल कर उन्हें बैठाती हैं. उसके बाद उन्हें घर की महिला सदस्य लोटा में पानी भरकर अतिथि के सामने रखती हैं और झूककर जमीन स्पर्श कर डोबो जोहार करती हैं.
लौटते वक्त मेहमान ही उठाते हैं खटिया
अगर मेहमान उम्र में छोटे हैं तो उन्हें चूं जोहार कर अभिनंदन किया जाता है. उसके बाद अतिथि के सामानों को घर के सदस्य अपने कमरे में ले जाते हैं. वहीं दूसरी ओर अतिथि बारी-बारी से लोटे के पानी से पैर धोते हैं. पैर धोने के बाद अतिथियों के पास घर के लोग आकर बैठ कर हाल-चाल पूछते हैं. यही नहीं जब मेहमान वापस जाने लगते हैं तो खटिया उठाने की जिम्मेदारी मेहमानों की होती है. परिवार के लोग मेहमानों को बाहर छोड़ते हैं. वहा एक बार फिर डोबो जोहार किया जाता है.