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Bank Strike: निजीकरण के विरोध में देश भर में बंद रहे बैंक, कोल्हान में कामकाज पर पड़ा बुरा असर - strike in banks

केंद्र सरकार की बैंकिंग संशोधन बिल के खिलाफ आज देश भर के बैंकों में हड़ताल रहा. बैंक में स्ट्राइक के कारण कोल्हाण में भी कामकाज पर बुरा असर पड़ा है.

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बैंक में हड़ताल

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Published : Dec 16, 2021, 8:31 PM IST

जमशेदपुर: केंद्र सरकार की बैंकिंग संशोधन बिल का बैंक यूनियन लगातार विरोध कर रही है. इसी को लेकर आज (16 दिसंबर) से बैंक कर्मियों का दो दिनों का हड़ताल शुरू हो गया है. हड़ताल के पहले दिन लौहनगरी में भी बैंकों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा.

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10 लाख से ज्यादा बैंककर्मी हड़ताल पर

जमशेदपुर में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक ने बताया कि दस लाख से ज्यादा बैंककर्मी हड़ताल पर हैं. ग्रामीण बैंक समेत सभी सरकारी बैंक आज के अलावे कल भी बंद रहेंगे. हड़ताल के कारण केवल कोल्हान में दिन में 25 सौ करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन पर असर पड़ने की संभावना है. बैंक यूनियन के संयोजक ने बताया कि केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ संगठन ठोस कदम उठाने को मजबूर है.

12 सरकारी बैंकों में हड़ताल

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, यूनियन बैंक सहित 12 सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे. स्ट्राइक के कारण चेक क्लीयरेंस और फंड ट्रांसफर जैसे बैंकिंग कार्यों पर व्यापक असर पड़ा. जानकारी के मुताबिक हड़ताल का असर देश के कई एटीएम पर भी पड़ने की संभावना है. सरकार के बैंक संशोधन बिल के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के साथ अन्य मजदूर संगठनों ने भी मिलकर इसका विरोध किया है.

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क्या है पूरा मामला

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक आरके रजक ने बताया की बैंकिंग संशोधन बिल जिसे रेगुलेशन एक्ट संशोधन विधेयक 2021 भी कहा जाता है उसे संसद में लाने की सरकार तैयारी कर रही है. जनता विरोधी इस बिल का यूएफबीयू विरोध कर रही है. उन्होंने बताया कि बैंक में व्यापक संख्या में रिक्तियां है सरकार अगर चाहे तो सभी को रोजगार उपलब्ध करा सकती है. उन्होंने कहा कि डिफॉल्टर मे बड़े कॉरपोरेट घराने का नाम है उनसे ऋण वसूल न कर पाना सरकारों की नाकामी है. जबकि सरकार उल्टे ही एन सी एल टी और आई बी सी के माध्यम से करोड़ों का लोन लाखों में सेटल कर रही है जो आम जनता के पैसों की खुली लूट है. उन्होंने कहा सरकार आए दिन नए-नए निजी बैंक खोलने की अनुमति दे रही है जिस पर विचार करने की आवश्यकता है.

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