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कोरोना टीका को लेकर आपके मन में भी है सवाल तो जरूर पढ़ें ये खबर

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Published : May 5, 2021, 3:00 PM IST

झारखंड में कोरोना टीका लगाने का काम तेजी से चल रहा है. इस बीच कोरोना टीका को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. ईटीवी भारत ने जमशेदपुर के सिविल सर्जन डॉ ए के लाल से वैसे कई सवालों का जवाब जानने की कोशिश की.

झारखंड में कोरोना वैक्सीन
झारखंड में कोरोना वैक्सीन

जमशेदपुरः झारखंड में जल्द ही 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा. राज्य सरकार ने टीका उपलब्ध करवाने के लिए कंपनियों को ऑर्डर भेजा है. टीके की खेप मिलते ही उसे टीका केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा. हालांकि आम जनता के मन में अब भी कई तरह के सवाल हैं और लोग लापरवाही बरत रहे हैं. जमशेदपुर के सिविल सर्जन डॉ ए के लाल ने ईटीवी भारत के जरिए आम जनता से टीका लेने की अपील करते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं.

जमशेदपुर के सिविल सर्जन डॉ ए के लाल

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क्या कोई भी सीधे अस्पताल जाकर टीका लगवा सकता है?

अठारह साल से अधिक के सभी लोगों को टीका लगवाने के लिए कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 28 अप्रैल से जारी है. रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको नजदीकी टीका केंद्र के लिए अप्वाइंटमेंट लेना पड़ता है. इसके बाद तय तारीख पर निर्धारित केंद्र पहुंचकर आप टीका ले सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के समय आपने जिस पहचान पत्र का इस्तेमाल किया था, उसे साथ ले जाना नहीं भूलें.

आरोग्य सेतु ऐप

टीका लगवाने के लिए कितने रुपए देने होंगे?

झारखंड में टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया मुफ्त है. रजिस्ट्रेशन से लेकर टीका के दोनों डोज के लिए सरकारी अस्पतालों में कोई रकम नहीं ली जाएगी. निजी अस्पतालों में टीका लगवाने पर गाइडलाइंस के अनुसार रुपए देने होंगे.

किसी व्यक्ति ने कोरोना टेस्ट कराया है लेकिन रिपोर्ट आने से पहले टीका लेने की तारीख आ गई है तो उसे क्या करना चाहिए?

किसी शख्स ने शंका के आधार पर कोरोना का टेस्ट करवाया है तो उसे कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने तक टीका नहीं लेना चाहिए. रिपोर्ट निगेटिव आए उसके बाद ही टीका लगवाना चाहिए. इसके लिए वो फिर से अप्वाइंटमेंट ले सकता है.

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किसी व्यक्ति को जुकाम, बदन दर्द और पेट खराब जैसी परेशानी है, तो क्या उसे टीका लेना चाहिए?

जिस किसी शख्स में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दें, उन्हें पहले कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए और उसके बाद ही टीका के लिए अप्वाइंटमेंट लेना चाहिए. कोरोना संक्रमित मरीज को टीका नहीं लेने की सलाह दी जाती है.

टीका लगाने की प्रतीकात्मक तस्वीर

किसी व्यक्ति ने जिस दिन टीका लिया, उसी दिन से उसे कोरोना के लक्षण दिखने लगे तो उसे क्या करना चाहिए?

टीका लेने के बाद यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. कोरोना की पुष्टि होने पर भी घबराने की जरूरत नहीं है. गाइडलाइन का पालन करें और डॉक्टर की सलाह पर निर्धारित दवा लें और प्रोटोकॉल का पालन करें.

टीका लगवाने के बाद कोरोना हो जाए तो दूसरी डोज कब लें?

वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना हो जाने पर उसे अपनी रिपोर्ट निगेटिव आने का इंतजार करना चाहिए. उसके करीब बीस दिन के बाद वो व्यक्ति दूसरा डोज से सकता है. कोरोना होने के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और उसे सामान्य होने में कम से कम तीन हफ्ते लग जाते हैं.

किसी संक्रमित व्यक्ति को कोरोना का टीका लग जाए, तो उसे क्या परिणाम झेलने पड़ेंगे?

फिलहाल ऐसा कोई अध्ययन सामने नहीं आया है, जिसमें संक्रमित मरीज को टीका के बाद के परिणाम का विश्लेषण किया गया हो. आमतौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों को टीका नहीं लगाने की सलाह दी जाती है.

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कौन सा टीका लेना बेहतर रहेगा?

झारखंड में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बनी कोवीशील्ड टीका लगाई जा रही है. दोनों टीके कोरोना की रोकथाम में प्रभावी हैं. दोनों में जो भी टीका उपलब्ध हो, आप उसे ले सकते हैं. बस ये ध्यान रखें कि पहला और दूसका दोनों डोज एक ही टीका का होना चाहिए. यानी यदि आपने पहला डोज कोवैक्सिन का लगवाया है तो दूसरा डोज भी कोवैक्सिन का ही लेना होगा.

कोवीशील्ड और कोवैक्सिन

क्या टीका का साइड इफेक्ट होगा?

टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों में बदन दर्द, टीके की जगह पर लालिमा, बांह में सूजन और बुखार आने की जानकारी मिली है. हालांकि ये खतरनाक नहीं है और कुछ दिनों में खत्म हो जाता है फिर भी ऐसा कुछ होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

झारखंड में फिलहाल 2,102 टीका केंद्र हैं. इसमें 2,037 सरकारी और 65 निजी केंद्र हैं. आज तक कुल 31,99,829 लोगों का टीकाकरण हो चुका है. इसमें 26,76,365 लोगों को पहला डोज और 5,23,464 लोगों को दूसरा डोज मिल चुका है.

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