जमशेदपुर: बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान के निधन पर बॉलीवुड के साथ जमशेदपुर में उनके चाहने वालों में शोक की लहर है. जमशेदपुर में सरोज खान ने डांस एकेडमी के जरिए कई प्रतिभाओं को निखारा है. सरोज खान डांस एकेडमी के चेयरमेन ने कहा है कि उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता.
'कठिन परिश्रम कर कोरियोग्राफी के क्षेत्र में उन्होंने अपनी पहचान बनाई थी'बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का 3 जुलाई की सुबह निधन होने की खबर से जमशेदपुर में उनके चाहने वालों में शोक की लहर है. जमशेदपुर से सरोज खान का लगाव रहा है. 22 नवंबर 1948 में जन्म लेने वाली सरोज खान में बचपन से ही कला के प्रति लगाव रहा और कठिन परिश्रम कर कोरियोग्राफर के क्षेत्र में उन्होंने अपनी पहचान बनाई थी.
डांस एकेडमी जमशेदपुर में सरोज खान (फाइल फोटो) ये भी पढ़ें-शहीद कुलदीप उरांव का पार्थिव शरीर शनिवार को लाया जाएगा साहिबगंज, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
8 से 10 बार सरोज खान जमशेदपुर आईं
जमशेदपुर में 2010 में साकची के काशीडीह क्षेत्र में कला प्रेमी भरत सिंह और उनके साथी ने सरोज खान डांस एकेडमी की शुरुआत की. जिसका उदघाटन 3 मार्च 2010 में बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने किया था. उनके नाम से चलने वाला डांस एकेडमी में सरोज खान ने कोल्हान के 2,500 के करीब प्रतिभाओं को निखारने का काम किया था. जो आज बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुके हैं. तीन साल तक चले डांस एकेडमी में 8 से 10 बार सरोज खान जमशेदपुर आई हैं.
बच्ची के साथ सरोज खान (फाइल फोटो) 'सोना जितना तपता है, उतना निखरता है'
उनके निधन पर शोक जताते हुए उन्हें याद कर सरोज खान डांस एकेडमी के चेयरमैन भरत सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सरोज खान और उनके बेटे राजीव खान भी रहते थे. सरोज खान छोटी-छोटी चीजों को डांस में समाहित करने की गुर सिखाती थी. उनका कहना था सोना जितना तपता है, उतना निखरता है. वो अपने छात्रों को मंजिल पाने के लिए सदैव मेहनत करने की सीख देती थी. उनकी कमी को आज कोई पूरा नहीं कर सकता.
ये भी पढ़ें-हजारीबागः सरकारी कर्मचारी की पत्नी को मिला पीएम आवास योजना का लाभ , बीडीओ ने दिए जांच के आदेश
'उनका स्थान कोई नहीं ले सकता'
जमशेदपुर में सरोज खान की यादें आज भी सरोज खान डांस एकेडमी के प्रबंधन के पास सुरक्षित है. एकेडमी के डायरेक्टर कमल किशोर अग्रवाल बताते हैं कि विश्व में पहचान बनाने वाली कोरियोग्राफर सरोज खान का जमशेदपुर में आना एक बहुत बड़ी बात है. उनके आने के बाद जमशेदपुर में प्रतिभाओं की फौज खड़ी हो गई थी. उनका स्थान कोई नहीं ले सकता.