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मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त हुई बच्चियां, नौकरी के नाम पर ले गए थे आंध्र प्रदेश

लाख कोशिशों के बाद भी मानव तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला जमशेदपुर का है. जहां से तीन बच्चियों को बहला-फुसलाकर आंध्र प्रदेश ले जाया गया था. हालांकि परिजनों को इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्हें मुक्त कराया गया.

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Published : Apr 21, 2019, 1:31 PM IST

रेस्कयू टीम

जमशेदपुर: नौकरी के नाम पर परसुडीह थाना क्षेत्र की लड़कियों समेत कई लोगों को मानव तस्कर राज्य के बाहर ले गए. जहां उन्हें प्रताड़ना दी गयी. जिसके बाद किसी तरह लड़कियों ने अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी. परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी, जिसके के बाद उन्हें वापस लाया गया. पुलिस को गिरोह के मुख्य सरगना की तलाश है.

जानकारी देती कोऑर्डिनेटर

दरअसल, छोलागोडा क्षेत्र में रहने वाले चुन्नू राम की बहन और क्षेत्र की तीन बच्चियों को एक दंपति द्वारा बहला-फुसलाकर आंध्र प्रदेश ले गया था. उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर ले गए, फिर उनके साथ मारपीट की गई. इसके बाद परिजनों द्वारा पुलिस का डर दिखाने के बाद दंपत्ति चारों को लेकर ट्रेन से टाटानगर स्टेशन पहुंचे. जहां चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम ने जीआरपी की मदद से उनको अपनी कस्टडी में ले लिया.

बता दें कि 14 अप्रैल को 4 बच्चियों के अचानक गायब होने के बाद परिजनों ने उनकी काफी खोजबीन की. इस दौरान पिछले मंगलवार की रात लड़कियों ने फोन कर बताया कि उन्हें क्षेत्र के रहने वाले एक दंपति द्वारा बहला-फुसलाकर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा लाया गया है. यहां लाने के बाद उनके साथ बदसलूकी की जा रही है. जिसके बाद लड़कियों के परिजनों ने इस मामले की जानकारी परसुडीह थाना में दी और चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को इसकी सूचना दी गई.

परिजनों ने बताया कि लड़कियों को विजयवाड़ा में काफी मारा पीटा गया. उनका गला दबाने की कोशिश भी की गई. उसने बताया कि वहां फिशिंग यार्ड में काम कराने के लिए ले गए थे. वहां झारखंड की बहुत सी लड़कियां हैं, जिनसे काम कराया जाता है.चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के टाटानगर सेंटर कोऑर्डिनेटर एम अरविंदा ने बताया कि बाहर ले जाने वाले दंपत्ति को परसुडीह थाना के हवाले कर दिया गया है. उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है.

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