जमशेदपुर:लौह नगरी के लाल शहीद किशन दुबे (BSF martyr Jawan Kishan Dubey of Jamshedpur) को केंद्र सरकार ने वीरता पदक देने की घोषणा की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संदर्भ में शहीद के परिजन को पत्र भेजा गया है. जमशेदपुर कीताडीह के रहने वाले बीएसएफ 119 बटालियन के जवान शहीद किशन दुबे को भारत सरकार ने वीरता पदक देने की घोषणा की है. इस संदर्भ में गृह मंत्रालय ने पत्र के जरिये शहीद के परिजन को जानकारी दी है.
लौहनगरी के लाल किशन दुबे ने पाकिस्तान से लड़ते हुए दी थी जान, केंद्र सरकार ने वीरता पदक देने का किया एलान
जमशेदपुर के लाल शहीद किशन दुबे को केंद्र सरकार ने वीरता पदक देने की घोषणा की है. इसके बाद शहीद के परिजनों ने केंद्र सरकार के अलावा बीएसएफ का स्वागत किया है.
शहीद किशन दुबे को वीरता पदक के लिए पिछले छह वर्षों से उसके परिजन भारत सरकार से पत्राचार कर रहे थे. भारत सरकार के अनुशंसा पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मु ने जमशेदपुर के लाल BSF के वीर जवान कांस्टेबल किशन कुमार दुबे के परिजनों को विरता पदक देंगी. भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए पाकिस्तानी सेना से उनके अदम्य साहस और वीरता से लड़ने के लिए मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित करने की आधिकारिक घोषणा की गई है. गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र से शहीद किशन दुबे के पूरे परिवार ने राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय के साथ BSF का धन्यवाद और आभार प्रकट किया है.
किशन कुमार दुबे 1 नवंबर 2013 को BSF में ज्वाइन किया था, एक साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उनकी अस्थाई पोस्टिंग जनवरी 2015 से मई 2015 तक पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कृष्णानगर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर में हुई थी. उसके बाद उनकी स्थायी पोस्टिंग जून 2015 को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिला के नौगाम सेक्टर अंतर्गत एफडीएल पोस्ट करम भारत-पाकिस्तान की सीमा में हुई थी.
9 जुलाई 2015 को पोस्ट में तैनाती के दौरान पाकिस्तानी सेना का पोस्ट Pocket-II से पाकिस्तानी सेना के साथ बहादुरी से लड़ रहे थे, इसी दौरान पाकिस्तानी सेना के स्नाइपर की एक गोली किशन दुबे की बांयी आंख में लगी और दुश्मन सेना से लड़ते हुए जमशेदपुर का ये लाल सीमा शहीद हो गया.