जमशेदपुरः बीते एक मार्च को टाटानगर रेल थाना में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक भरत शुक्ला को एसीबी द्वारा घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. इस मामले में आरोपी के बेटे ने डीजीपी को पत्र लिखकर अपने पिता को फंसाने का आरोप लगाया हैं. इसके साथ डीजीपी को उसके द्वारा स्टिंग ऑपरेशन के एक सीडी भी डीजीपी को भेजी है.
इस सबंध में विनय शुक्ला ने बताया कि शिकायतकर्ता सरवन कुमार देवगन ने साजिश के तहत उसके पिता को फंसाया है और इसमें कई लोग भी शामिल हैं. विनय ने बताया कि उनके पिता विगत 4 महीनों से काफी बीमार है, वे किसी से पैसा मांगने घटनास्थल पर नहीं गए थे. बल्कि उन्हें फोन कर बुलाया गया था. विनय का कहना है कि शिकायतकर्ता टाल संचालक नहीं है.
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विनय ने एसीबी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं. विनय का कहना है कि एसीबी द्वारा यह जांच एक बार भी नहीं की गई कि शिकायतकर्ता का स्क्रेप टाॅल आखिर कहां है. वह खुद टाल संचालक हैं भी या नहीं. विनय शुक्ला के अनुसार इस पूरे मामले में चंदन मुखी नामक युवक भी शामिल है, जो उनके पिता को 21 फरवरी से लगातार फोन कर अलग-अलग जगह मिलने की जिद कर रहा था.
जबकि उनके पिता उसे जानते तक नहीं थे. विनय ने कहा कि 1 मार्च को उनके पिता बिष्टुपुर स्थित मेडिटेक डायग्नोसिस सेंटर डॉक्टर में एनके गुप्ता से मिलने जा रहे थे. इसी दौरान शिकायतकर्ता श्रवण ने फोन कर उनके पिता को बिष्टुपुर मिलने के लिए बुलाया. वहां उसने यह कहते हुए उनके हाथ में पैसा थमा दिया कि चंदन ने यह पैसे उन्हें देने को कहा है तभी एसीबी की टीम ने उन्हें पकड़ लिया. विनय ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की फिर से जांच हो, ताकि सच्चाई का पता चल सके.