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जसकंडी गांव के ग्रामीणों की अनोखी पहल, वर्षा जल संचयन से बदली गांव की तस्वीर - ग्रामीणों ने वर्षा जल संचयन की अनोखी पहल

कम संसाधनों, साधनों में देश के ग्रामीण कुछ ऐसा कर जाते हैं कि उनकी चर्चा पूरा देश करने लगता है. ऐसा ही अनोखा कारनामा कर दिखाया है जमशेदपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरजामदा के जसकंडी गांव के ग्रामीणों ने. इन ग्रामीणों ने वर्षा जल संचयन की अनोखी पहल शुरू कर गांव की तस्वीर ही बदल दी है.

जसकंडी गांव, जमशेदपुर

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Published : Aug 20, 2019, 9:34 PM IST

जमशेदपुर: ऐसे समय में जब पूरा विश्व पानी की समस्या से जूझ रहा है, सब जगह पानी के लिए हाहाकार मचा है और बार-बार अंतरराष्ट्रीय संगठन जल उपलब्धता को लेकर चिंता जता रहे हैं, वैसे समय में झारखंड के एक छोटे से कस्बे जसकंडी के लोगों ने वो कर दिखाया है जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी.

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गांव की तस्वीर बदली
जमशेदपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरजामदा का जसकंडी गांव कभी पानी किल्लत की समस्या से जूझ रहा था. भूमिगत जलस्तर कम होने के कारण यहां पानी का स्तर इतना नीचे चला गया था कि पीने का पानी भी लोगों को बमुश्किल उपलब्ध हो पाता था. भूमिगत पानी कम होने के कारण अक्सर ही नल-चापाकल खराब होते रहते थे, लेकिन आज गांव वालों ने अपनी मेहनत और जिजीविषा से गांव की तस्वीर बदलकर रख दी है.

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वर्षा जल संरक्षण की अनोखी पहल
यहां के ग्रामीणों ने वर्षा जल संरक्षण की अनोखी पहल की है. वर्षा जल संचय के लिए ये ग्रामीण बारिश की बूंदों को छत से पाइप के सहारे भूमिगत कर रहे हैं. इसके लिए ऐसे कुंए जो सुख चुके हैं या तो उनका इस्तेमाल किया जा रहा है या नए गड्ढे खोद कर उसमें जल संचयन किया जा रहा है. इसका असर आज यह है कि इससे भूमिगत जल बढ़ता ही जा रहा है. जो गांव कभी बूंद-बूंद पानी को मोहताज था आज वहां के नल से पानी की धार बही जा रही है.

आस-पास के इलाके आज भी जूझ रहे पानी की कमी से
जसकंडी से ही सटे इलाके गोविन्दपुर, जुगसलाई, बागबेड़ा, मानगो आज भी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. वहां भूमिगत जल स्तर 400-500 फीट नीचे है. गर्मी की शुरुआत होते हीं यहां के नल, कुएं सब सुख जाया करते हैं, लेकिन जसकंडी के ग्रामीण आज पानी कि ऐसी किसी समस्या से अपनी ही पहल के कारण निजात पा चुके हैं. गांव वालों की इस पहल को स्थानीय कंपनी टिस्को का भी साथ मिला है.

ग्रामीणों की इस पहल के कारण न केवल पानी की समस्या से लोगों को निजात मिला है बल्कि लाखों लीटर पानी भी बर्बाद होने से बच जा रहा है. ग्रामीणों की इस पहल को सरकार और आम लोगों का भी सहयोग मिले तो पानी की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है, इसके लिए अपने-अपने स्तर से सभी को प्रयास करना होगा.

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