झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

जानिए, पूर्वी सिंहभूम की 6 विधानसभा सीट पर कब-कब कौन रहा काबिज - Assembly Elections 2019

पूर्वी सिंहभूम जिले की 6 विधानसभा सीटों में से जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट से सबसे ज्यादा उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इस विधानसभा सीट से कुल 24 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. सबसे कम उम्मीदवार जुगसलाई विधानसभा से उतरे हैं. इस विधानसभा सीट से महज 6 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में हैं.

पूर्वी सिंहभूम की 6 विधानसभा सीट

By

Published : Nov 21, 2019, 2:10 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 2:08 PM IST

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला झारखंड के दक्षिण पूर्व कोने में स्थित है. 16 जनवरी 1990 को इस जिले का गठन हुआ. जिले में 11 ब्लॉक के साथ 6 विधानसभा सीट हैं. इनमें जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिम, जुगसलाई, पोटका, बहरागोड़ा और घाटशिला. ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में देखिए 6 विधानसभाओं का पूरा कार्यकाल.

पोटका विधानसभा
पोटका विधानसभा में 1977 से अब तक हुए 8 बार हुए विधानसभा चुनाव में सरदार जाति का ही नेता विधायक बना है. पोटका से दूसरी जाति के नेताओं में कृष्णा मार्डी, बुधराम सोए, आदित्य ने भी हाथ आजमाया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. सफलता केवल सरदार जाति को ही मिलती रही. 1980 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सनातन सरदार ने भाजपा का झंडा फहराया. इसके बाद 2 बार भाजपा के विधायक बने पोटका विधानसभा से हाडिराम सरदार ने भी झामुमो की टिकट पर जीत दर्ज की है.

ये भी पढ़ें-रघुवर अपना राज बचाने में होंगे कामयाब या सरयू की लहर में डूबो देगी जनता, जमशेदपुर पूर्वी सीट पर दो धुरंधर आमने-सामने

साल 1995 के विधानसभा चुनाव में झामुमो प्रत्याशी हाडिराम सरदार, 2000 में भाजपा प्रत्याशी मेनका सरदार, 2005 में झामुमो के अमूल्य सरदार, 2009 में भाजपा की मेनका सरदार इस सीट से विधायक चुनी गईं. 1977 से सनातन सरदार जनता पार्टी,1980 में सनातन सरदार भाजपा, 1985 में सनातन सरदार कांग्रेस, 1990 में हारी राम सरदार झामुमो, 2000 में मेनका सरदार भाजपा, 2005 में अमूल्य सरदार झामुमो, 2009 में मेनका सरदार भाजपा, 2014 में भी भाजपा की मेनका सरदार ने ही जीत दर्ज की.

2014 के विधानसभा चुनाव में पोटका से वर्तमान विधायक मेनका सरदार ने भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़कर 68 हजार 191 वोट से जीत दर्ज की थी. वहीं, झामुमो के संजिब सरदार ने 61 हजार 485 वोट से दूसरे नंबर पर रहे.

पूर्वी जमशेदपुर
पूर्वी जमशेदपुर में 1977 में दीनानाथ पांडेय ने सबसे पहले भाजपा से जीत हासिल की. रघुवर दास 1995 में पहली बार विधायक बने. 5 बार लगातार रघुवर दास विधायक रह चुके हैं. साल 2004 में रघुवर दास शहरी विकास मंत्री भी रहे हैं. अब जमशेदपुर पूर्वी सीट से छठी बार रघुवर दास विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में रघुवर दास ने 1 लाख 03 हजार 418 वोट से जीत दर्ज की थी. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी आनंद बिहारी दुबे 33 हजार 261 वोट से दूसरे नंबर पर रहे. झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह 20 हजार 812 वोट के सात तीसरे नंबर पर रहे.

ये भी पढ़ें-JMM ने उम्मीदवारों की छठी लिस्ट की जारी, मांडू से निवर्तमान विधायक के भाई होंगे प्रत्याशी

जमशेदपुर पश्चिमी
जमशेदपुर पश्चिमी सीट से साल 2004 में सरयू राय ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2009 में कांग्रेस ने सरयू राय को मात देकर अपना परचम लहराया. वहीं, 2014 विधानसभा चुनाव में सरयू राय फिर से बीजेपी की टिकट पर लड़े और विशाल जनादेश के साथ इस सीट पर भगवा फहराया.

जमशेदपुर पश्चिमी सीट से कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता 2009 में पहली बार विधायक बने और फिर हेमंत सरकार में मंत्री. 2009 के पहले 1980 में कांग्रेस ने यह सीट जीती थी. कांग्रेस के मोहम्मद शमसुद्दीन खान ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र को अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र माना जाता है. इसके बाद कांग्रेस से बागी हुए हुए बन्ना गुप्ता ने साल 2000 में पहली बार सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा. इसके बाद 2005 के विधानसभा चुनाव में भी वो सपा उम्मीदवार रहे. हालांकि दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. बन्ना गुप्ता 2009 में समाजवादी पार्टी के प्रदेश भी रह चुके हैं. 2014 में कंग्रेस के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता को 84 हजार 829 वोट मिले थे. झारखंड सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय को 95 हजार 323 वोट मिले. भाजपा की ओर से विधानसभा में प्रत्यशियों की पांचवी सूची में जमशेदपुर पश्चिमी से देवेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है.

जुगसलाई क्षेत्र
भाजपा और आजसू गठबंधन वाली जुगसलाई विधानसभा सीट से साल 2009 में आजसू से रामचंद्र सहिस ने जीत हासिल की. इसके बाद 2014 विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत का सिलसिला बरकरार रखा. फिलहाल रामचंद्र सहिश आजसू कोटे से झारखंड सरकार में पेय जल मंत्री हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के दुलाल भुइयां ने 2005 में रामचंद्र सहिस को कड़ी टक्कर दी थी. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में मंगल कालिंदी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ा था. 2014 के विधानसभा चुनाव में झामुमो प्रत्यशी मंगल कालिंदी को 57 हजार 257 वोट मिले थे. इसके साथ ही एनडीए गठबंधन के खाते से जुगसलाई के वर्तमान विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री रामचंद्र सहिस को 82 हजार 302 वोट मिले थे.

बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र
2005 में दिनेश कुमार षाड़ंगी भारतीय जनता पार्टी से, 2009 में विद्युत वरण महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा से और 2014 में दिनेश कुमार षाड़ंगी के बेटे कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोटे से जीत दर्ज की. कुणाल षाड़ंगी के भाजपा में आने के बाद बहरागोड़ा से समीर महंती के साथ टक्कर हो सकती है. 2014 में चाकुलिया क्षेत्र के रहने वाले समीर महंती और भाजपा प्रत्याशी डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने भी यहां से चुनाव लड़ा था. बहरागोड़ा से कुणाल षाड़ंगी को 2014 के विधानसभा चुनाव में 57 हजार 973 वोट मिले थे. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी को 42 हजार 618 वोट मिले थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा से समीर महंती 42 हजार 130 वोट लाकर तीसरे नंबर पर रहे. हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुणाल षाड़ंगी पर दांव खेला है. इस बार समीर महंती के साथ कुणाल षाड़ंगी की सीधी टक्कर हो सकती है.

घाटशिला विधानसभा क्षेत्र
घाटशिला विधानसभा से 2014 में भाजपा से लक्ष्मण टुडू, झारखंड मुक्ति मोर्चा से 2009 में रामदास सोरेन, कांग्रेस से 2005 में प्रदीप कुमार बलमुचू ने जीत दर्ज की थी. साल 2014 में झारखंड मुक्ति मोर्चा से रामदास सोरेन को 46 हजार 081 वोट मिले. वहीं, भाजपा से लक्ष्मण टुडू को 52 हजार 466 वोट मिले थे. हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से लखन मार्डी को प्रत्याशी बनाया गया है. लखन मार्डी झारखंड हाई कोर्ट में वकालत करते हैं.

Last Updated : Nov 26, 2019, 2:08 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details