जमशेदपुर: लौहनगरी जमशेदपुर में मानसिक रोगियों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है. ताजा जानकारी के मुताबिक, युवाओं में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. इसका कारण डिजिटल गैजेट, अकेलापन और नशा माना जा रहा है. अगर इसे रोका नहीं गया, तो आने वाले दिनों में यह एक भयावह रूप ले सकता है.
झारखंड में रांची, जमशेदपुर, गुमला, पलामू और दुमका में मानसिक रोग के इलाज को लेकर सरकारी सुविधा उपलब्ध है. जहां मानसिक रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है और दवा भी उपलब्ध कराई जाती है. पूर्वी सिंहभूम जिले में यह बीमारी स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. हालांकि विभाग इस बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है. देश मे मानसिक रोगियों के संख्या 10.6 प्रतिशत है, जिसमे झारखंड में रोगियों की संख्या 11.1प्रतिशत है.
मेन्टल हेल्थ सर्वे की टीम द्वारा 2016 में 12 राज्य का सर्वे किया गया, जिसमें मणिपुर में सबसे ज़्यादा 14.1 प्रतिशत और सबसे कम मानसिक रोगियों की संख्या 5.8 प्रतिशत असम में पाई गई. जिले के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर महेश्वर प्रसाद का कहना है की डिजिटल गैजेट, अकेलापन और नशे के कारण युवा मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं. इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिल-जुलकर रहने और समय बिताने की जरूरत है.