हजारीबाग: देश में जब कोरोना महामारी ने तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाया. तब लोग ऑक्सीजन, आईसीयू बेड, खाने की व्यवस्था जैसी तमाम चीजों के लिए भटकने लगे और मदद की गुहार लगाने लगे. तब हजारीबाग के चौपारण में युवाओं की एक टोली लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आई. इस टोली ने ऐसा मिसाल पेश किया जिसका उदाहरण बिरले ही मिलते हैं. युवकों की इस टोली ने लोगों की मदद के लिए पहले तो 50 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा की और फिर उन पैसों से जरूरतमंदों की मदद की. ये युवा अब भी निशुल्क एंबुलेंस सेवा प्रदान कर लोगों की सेवा कर रहे हैं.
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संक्रमण काल में लाखों लोगों की मदद
हजारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर चौपारण प्रखंड में युवाओं की इस टोली ने बहुत ही छोटे स्तर पर मदद की शुरुआत की. समय बढ़ता गया इनका कारवां भी बढ़ता गया. संक्रमण काल में लोगों की मदद करने वाले ये युवा बताते हैं कि उन्होंने उस दौर में लाखों लोगों को न केवल भोजन कराया बल्कि सड़क पर पैदल चल रहे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया. इन युवकों की मानें तो इन्होंने केवल आम लोगों की मदद नहीं की बल्कि ड्यूटी में लगे कई सरकारी अधिकारियों और कनीय पदाधिकारियों को भोजन कराकर उनकी सहायता की है. इनका कहना है कि संकट के समय इन लोगों ने जान जोखिम में डालकर क्वारेंटाइन सेंटर जाकर जरूरतमंदों की मदद की.
50 लाख रुपया का चंदा किया इकट्ठा