हजारीबागः घोड़ा पालना शौक की बात है. ये भी कहा जाता है कि जो घोड़ा पालता है उसकी आमदनी भी अच्छी रहती है तभी वो घोड़े को खुराक दे पाता है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जो व्यक्ति शौक के लिए घोड़ा पाला करता था, वो अब उसे अपनी दिनचर्या के उपयोग में ला रहा है. क्योंकि पेट्रोल महंगा हो गया है.
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हजारीबाग के विष्णुगढ़ मार्ग पर तीन नंबर थाना चौक के निकट कृष्णा नाम का युवक अपने शौक और आमदनी को लेकर घोड़ा पाला है. लेकिन अब उसे कहीं जाना है तो घोड़े पर सवार होकर ही जाता है, क्योंकि पेट्रोल का पैसा बचाना है.
आजकल देश में हर तरफ महंगाई की चर्चा है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, सब्जियों, दालों और अन्य रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. बहुत से लोगों के सामने संकट जैसे हालात पैदा हो गए हैं खासकर मध्यवर्गीय परिवारों का, जिन्हें सरकार की तरफ से कुछ भी मुफ्त नहीं मिल रहा है, चाहे वह अन्न हो, सबसिडी, बिजली या फिर अन्य दूसरी चीजें. ऐसे में हर एक व्यक्ति चाहता है कि वह कम से कम पेट्रोल की खपत करें ताकि कुछ पैसा बच पाए.
घोड़े के मालिक कृष्णा से खास बातचीत ऐसी ही महंगाई से लड़ रहे हैं, हजारीबाग 3 नवंबर थाना के निकट कृष्णा. अब वो अपने घोड़े से ही एक जगह से दूसरी जगह जाना पसंद करता है. कृष्णा अपने शौक और पैसे कमाने के लिए घोड़ा पाला है. लेकिन उसका यह शौक अब पेट्रोल के पैसे बचाने में मददगार साबित हो रहा है. कृष्णा अगर कहीं जाता है तो वह घोड़ा से ही जाना पसंद करता है. कृष्णा का कहना है कि हमारे पास कार भी है और मोटरसाइकिल भी. पहले तो हम लोग आसपास के काम मोटरसाइकिल से कर लिया करते थे. अगर थोड़ी दूरी पर जाना होता था तो कार का उपयोग करते थे. लेकिन अब बहुत कम ही मोटरसाइकिल और कार का उपयोग करते हैं. उनका कहना है कि घोड़े को चारा देने में भी पैसा खर्च होता है. ऐसे में हम लोगों ने सोचा कि मोटरसाइकिल किस जगह घोड़ा ही उपयोग में लाया जाए.
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कृष्णा अपने घोड़े बादल की मदद से कुछ पैसे भी कमा लेता है. प्रत्येक दिन अपने घोड़े से झील परिसर के आसपास पहुंचते हैं और वहां लोगों को हॉर्स राइडिंग कराता है. बच्चे भी घोड़े पर सवार होकर मस्ती करते हैं, ऐसे में कुछ आमदनी भी हो जाती है. इसके अलावा वो लोगों को हॉर्स राइडिंग भी सिखाता है. इस घोड़े से ही कृष्णा के परिवार का भरण पोषण होता है. कृष्णा का कहना है कि इस महंगाई के दौर में लोग ना हॉर्स राइडिंग सीखना पसंद कर रहे हैं और ना ही घोड़ा पर चढ़ना. ऐसे में सब संतुलित करने के लिए कृष्णा ने यह फैसला किया है कि पैसा बचाने के लिए घोड़े पर ही चलना चाहिए. पेट्रोल की आसमान छूती मार से बचने के लिए कृष्णा ने तो उपाय कर लिया है. लेकिन हर एक व्यक्ति यह नहीं कर सकता है क्योंकि हर किसी के पास घोड़ा नहीं है.
घोड़े की सवारी करता कृष्णा