हजारीबाग: कभी घूंघट में छिपकर दबे सहमे कदमों से पुरूषों के साथ घर की दहलीज पार करने महिलाएं आज सशक्त हो गई है. खुद को साबित कर रही है ये महिलाएं उन क्षेत्रो में भी सफलता हासिल कर रही हैं जिनपर कभी पुरूषों का एकाधिकार था. हजारीबाग की 800 महिलाओं का एक समूह भी कुछ ऐसा ही करने में जुटा है. इन महिलाओं ने 200 एकड़ में तरबूज की खेती कर अपनी अलग पहचान बनाई है.
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चुरचू में तरबूज की खेती: एकता में बल है ये कहावत तो सभी जानते हैं लेकिन चुरचू की महिलाओं ने इसे आत्मसात कर लिया. इन महिलाओं ने चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बनाकर 200 एकड़ जमीन पर तरबूज की खेती शुरू की. इनके खेतों से उपजे तरबूज की क्वालिटी इतनी अच्छी है कि उसकी बंपर बिक्री हो रही है. तरबूज की बिक्री से उत्साहित महिला किसानों ने लगभग 25 से 30 लाख रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा है जिसमें लगभग 17 लाख रुपये तरबूज की बिक्री हो चुकी है.
बंजर जमीन पर खेती से मुनाफा: कंपनी कि डायरेक्टर सुमित्रा देवी बताती है कि हम लोगों ने उन महिलाओं को खेती के लिए प्रेरित किया जिनका जमीन खाली पड़ा हुआ था. इस जमीन पर महिलाओं ने खूब मेहनत किया और आज यह परिणाम है कि हमारे तरबूज खूब बिक रहे हैं. चुरचू नारी उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की गीता देवी कहती हैं कि जिस जमीन पर हम लोग खड़े हैं वह एक समय बंजर था. जहां खेती करना असंभव था. लेकिन हम महिलाओं ने मिलकर इसे खेती के लायक बनाया.