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चुआं के सहारे बुझ रही हजारीबाग के धनगर गांव के ग्रामीणों की प्यास, फाइलों में गुम पेयजल की योजनाएं

हजारीबाग के इचाक प्रखंड के परासी पंचायत की धनगर भुइया टोली गांव में आज तक बुनियादी सुविधाएं ग्रामीणों तक नहीं पहुंची हैं. आलम यह है कि एक गड्ढे के पानी से पूरा गांव अपनी प्यास बुझा रहा है. खेत के बीच में एक छोटा सा चुआं है. जहां साल भर पानी भरा रहता है. उसी पानी से लोग नहाते भी हैं, कपड़े भी धोते हैं और पीते भी हैं. ग्रामीण कहते हैं कि मजबूरी में उनको ये पानी पीना पड़ता है, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं है.

Water problem in dhangar village of Hazaribagh
फाइलों में गुम पेयजल की योजनाएं

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Published : Jul 1, 2020, 5:57 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 7:18 PM IST

हजारीबाग: लाखों करोड़ों रुपये की योजनाएं गरीबों के उत्थान के लिए चलाई जा रही हैं. इसके बावजूद हजारीबाग के इचाक प्रखंड से महज 1 किलोमीटर दूर परासी पंचायत में धनगर गांव के ग्रामीण एक चुआं के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. यहां करीब 10 परिवार कई सालों से चुआं का पानी पी रहे हैं, लेकिन इन ग्रामीणों की किसी ने भी आज तक सुध नहीं ली.

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दरअसल, धनगर भुइयां टोली गांव में आज तक बुनियादी सुविधाएं ग्रामीणों तक नहीं पहुंची हैं. आलम यह है कि एक गड्ढे के पानी से पूरा गांव अपनी प्यास बुझा रहा है. खेत के बीच में एक छोटा सा चुआं है. जहां साल भर पानी भरा रहता है. उसी पानी से लोग नहाते भी हैं, कपड़े भी होते हैं और पीते भी हैं. ग्रामीण कहते हैं कि मजबूरी में उनको ये पानी पीना पड़ता है, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं है. आस-पास हैंडपंप या कुआं नही है. उनका कहना है कि हमेशा उन लोगों को इस बात का डर रहता है कि उनके बच्चे बीमार ना पड़ जाएं. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर तो दे दिया, लेकिन मोहल्ले में पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है. ग्रामीण कई बार अपनी फरियाद लेकर पदाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों के पास गए, लेकिन किसी ने भी इनकी गुहार को नहीं सुना.

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इस गांव में अभी तक बिजली का कनेक्शन तक नहीं आया है और ना ही सड़क बनी है. ऐसे में यहां के लोग दूसरे गांव जाकर अपना मोबाइल चार्ज करते हैं. बरसात के दिनों में गांव टापू बन जाता है. चारों तरफ खेत हैं और खेत से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. इस गांव के ज्यादातर पुरुष पेट पालने के लिए शहर की ओर रुख कर गए हैं. हालांकि लॉकडाउन होने के कारण कई लोग अपने घर भी वापस लौटे हैं. मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ऊषा मींज कहती हैं कि आप लोगों के जरिए जानकारी मिली है. हम लोग उस गांव कि समस्या को दूर करने का भरपूर प्रयास करेंगे.

Last Updated : Jul 3, 2020, 7:18 PM IST

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