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हजारीबाग में वाटर एटीएम से दो साल बाद भी नहीं गिरा एक बूंद पानी, अब कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी

हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र में विधायक फंड से 10 वाटर एटीएम विभिन्न चौक चौराहों पर लगाए गए. लेकिन करीब दो साल बीत जाने के बाद भी एक बूंद पानी वाटर एटीएम से नहीं गिरा. ऐसे में ये वाटर एटीएम सिर्फ हाथी के दांत साबित हो रहे हैं.

water problem in hazaribagh
water problem in hazaribagh

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Published : Oct 9, 2021, 1:57 PM IST

हजारीबागः आम जनता की गाढ़ी कमाई से सरकार विकास योजनाओं को धरातल पर लाती है. लेकिन सरकारी और प्रशासनिक उदासीनता के कारण कई बार इनका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पाता है. ताजा मामला हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र का है. यहां दो साल पहले विधायक फंड से 10 वाटर एटीएम लगवाए गए लेकिन आजतक इसे चालू नहीं किया जा सका है.


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हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनीष जायसवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि हजारीबाग शहर में राहगीरों और व्यवसायियों को पेयजल की दिक्कत ना हो इसके लिए वाटर एटीएम लगवाए गए. वाटर एटीएम के रख रखाव और संचालन की जिम्मेदार फॉन्ट सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की थी. कंपनी के साथ पांच साल करार किया गया था. वाटर एटीम के साथ भूजल स्तर को मेंटेन रखने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी हर वाटर एटीएम के साथ लगाया गया था. लेकिन विभिन्न चौक चौराहों पर अब ये वाटर एटीएम शोपीस की तरह नजर आ रहे हैं. इसे लेकर विधानसभा समिति ने भी अपनी रिपोर्ट दी थी लेकिन उस पर भी कुछ नहीं हुआ.

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कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी

हजारीबाग में वाटर एटीएम को लेकर तत्कालीन डीडीसी विजया जाधव बहुत उत्साहित थी. लेकिन कंपनी आधा अधूरा काम कर फरार हो गई. ऐसे में अब उस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की कवायद चल रही है. साथ ही साथ वाटर एटीएम को चालू किए जाने को लेकर भी योजना बनाई जा रही है. विधायक मनीष जायसवाल ने आश्वस्त किया कि बहुत जल्द ही वाटर एटीएम काम करने लगेगा.


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वाटर एटीएम से 1 लीटर पानी लेने पर 4 रुपए की राशि तय गई थी. इसे लेकर भी सवाल खड़े हुए थे. हर व्यक्ति के लिए 4 सिक्के देना बड़ी मुश्किल है. यदि वह पांच का सिक्का डालेगा तो उसे एक का सिक्का कैसे वापस मिलेगा. हालांकि 5 लीटर के लिए ₹10 और 10 लीटर के लिए ₹20 दर निर्धारित किया गया है. बोतल बंद पानी की बात की जाए तो उससे कहीं अधिक यह सस्ता है. ऐसे में हर एक व्यक्ति इस प्रोजेक्ट को लेकर उत्साहित भी था कि अब अगर काम करते प्यास लग जाएगा तो बोतल बंद पानी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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