हजारीबाग: 2019 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग में त्रिकोणीय संघर्ष दिखेगा. पहले जहां महागठबंधन से कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं था, तो यह पूरा चुनाव जयंत सिन्हा की ओर जाता दिख रहा था. लेकिन महागठबंधन से गोपाल साहू के चुनाव मैदान में उतरते ही मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
हजारीबाग लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं. जो 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सौरभ नारायण सिंह को हराकर सांसद बने थे. जयंत सिन्हा पहले ही दिन नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति हजारीबाग में दिखाई थी. इस दौरान केंद्रीय स्तर के नेता भी नामांकन के दौरान हजारीबाग पहुंचे थे. तो मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जयंत सिन्हा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी.हजारीबाग के सीपीआई उम्मीदवार भुवनेश्वर प्रसाद मेहता अपनी राजनीतिक जीवन की अंतिम पारी खेल रहे हैं. वो हजारीबाग से दो बार सांसद रह चुके हैं, उन्होंने यशवंत सिन्हा को जब वे विदेश मंत्री थे, तब हराया था. इस बार उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है और दावा किया है कि मोदी सरकार के खिलाफ हजारीबाग में किसान बेरोजगार और शोषित वर्ग एकजुट होकर सीपीआई को जीत दिलाएंगे. भुवनेश्वर प्रसाद मेहता को विश्वास था कि महागठबंधन में उन्हें रखा जाएगा, लेकिन उनकी पार्टी को कोई जगह नहीं दी गयी. जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि भाजपा को सिर्फ सीपीआई हरा सकती है.
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