हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय में मंगलवार से झारखंड मुक्ति मोर्चा छात्रसंघ ने अनिश्चितकालीन ताला बंदी का ऐलान किया है. दूसरे दिन भी संघ के सदस्य मुख्य प्रशासनिक भवन के सामने डटे रहे. उन्होंने आरोप लगाया है कि 10 सूत्री मांग जिसपर डेढ़ माह पहले विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से आश्वासन दिया गया था वह पूरा नहीं किया गया. इस कारण छात्रसंघ ने विवश होकर तालाबंदी किया है.
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क्या है मांग
10 सूत्री मांग में इंजीनियरिंग और बीएड कॉलेज में शिक्षकों की भर्ती, प्लेसमेंट एजेंसी को लाना, पेयजल -शौचालय की उचित व्यवस्था, सीसीटीवी और वाईफाई जैसे मांग है. दूसरे दिन भी संघ के विश्वविद्यालय अध्यक्ष चंदन सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि मांग जब तक पूरी नहीं होगी ताला नहीं खुलेगा. काम में क्षति हो रही है इसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रबंधन है.
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छात्रों की मांग जायज नहीं- कुलपति
प्रशासकीय भवन नहीं खुलने के बाद सभी पदाधिकारी कार्यालय के बाहर बैठे नजर आए और पूरी तरह से काम प्रभावित रहा. इस दौरान कई ऐसे छात्र भी पहुंचे जिन्हें सर्टिफिकेट लेना था. उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ा. ऐसे में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने कहा कि छात्रों की मांग जायज नहीं है. कई ऐसे मांग है जिस पर काम किया जा रहा है. तालाबंदी के कारण कार्यालय का काम प्रभावित हुआ है. गुरुवार को सीनेट की बैठक भी होनी है ऐसे में बैठक कैसे सफल होगी इस पर भी चिंतन किया जा रहा है. इस कारण छात्रों को यह आंदोलन वापस लेने की जरूरत है. बहरहाल देखने वाली बात होगी कैसे प्रबंधन और छात्र संघ के बीच में सुलह होती है ताकि फिर से कार्य सुचारू रुप से शुरू हो सके.