हजारीबागः दुनिया भर में स्ट्रॉबेरी की लगभग 600 किस्म है. भारत में भी अब व्यावसायिक दृष्टिकोण से स्ट्रॉबेरी की खेती होने लगी है. किसान इसकी खेती बड़े स्तर में करने लगे हैं. अब हजारीबाग में स्ट्रॉबेरी की खेती अब बड़े पैमाने पर की जा रही है. महंगा फल होने के कारण हजारीबाग में एक किसान ने अपने खेत के बड़े भूभाग में स्ट्रॉबेरी की खेती तो की है लेकिन उस पर पहरा भी लगा दिया है. पहरा देता है सीसीटीवी कैमरा.
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सावधान! हजारीबाग में सीसीटीवी से स्ट्रॉबेरी की खेती की निगरानी, हर वक्त रखते हैं नजर - झारखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती
हजारीबाग में लोग परंपरागत फसलों के साथ-साथ स्ट्रॉबेरी की खेती भी करने लगे हैं. इससे किसानों को काफी मुनाफा भी हो रहा है. वहीं वो अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित भी रहते हैं. इसलिए अब फसल पर नजर रखने के आधुनिकतम तकनीक का सहारा ले रहे हैं. हजारीबाग में सीसीटीवी से स्ट्रॉबेरी की खेती की निगरानी की जा रही है.
हजारीबाग में स्ट्रॉबेरी की खेती अब किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. स्ट्रॉबेरी ठंडी जलवायु की फसल है. इसे मैदानी इलाकों में सफलतापूर्वक लगाया जाता है. लेकिन अब झारखंड के पठारी क्षेत्र हजारीबाग में भी मौसम के अनुसार उपजाया जा रहा है. लाल रंग की दिखने वाली स्ट्रॉबेरी जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही सेहतमंद भी. स्ट्रॉबेरी की कीमत भी बाजार में अच्छी खासी है. वर्तमान समय में लगभग 400 से ₹500 किलो स्ट्रॉबेरी बाजार में उपलब्ध है. आकर्षक और स्वादिष्ट होने के कारण लोग इसकी और खींचे चले आते हैं. हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के सुलना गांव में स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है. किसान कहते हैं कि इस खेती में अपार संभावनाएं हैं और मुनाफे की खेती भी है. इसलिए यह आज के समय में बेहतर विकल्प बनकर उभरा है. इस कारण हम लोग अब स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. आमतौर पर एक एकड़ स्ट्रॉबेरी की फसल में 2 से 3 लाख रूपये की लागत आती है. पैदावार होने के बाद खर्च निकाल लिया जाए तो लगभग 5 से 6 लाख का मुनाफा भी होता है.