हजारीबागः गर्मी के दिन में अगर दो घूंट पानी मिल जाए तो जान में जान लौट आती है. हजारीबाग में गर्मी के वक्त प्याऊ की व्यवस्था हर एक चौक चौराहे पर होती थी. समाजसेवी अपनी ओर से व्यवस्था करते थे. लेकिन इस वर्ष समाजसेवी हजारीबाग के राहगीरों के लिए अपना सेवा नहीं दे पा रहे हैं. हजारीबाग के इक्का-दुक्का चौक चौराहे पर ही व्यवस्था की गई है.
हजारीबाग में प्याऊ की कमी, सूखे रह जा रहे हैं राहगीरों के हलक
हजारीबाग को दिलवालों का शहर कहा जाता है, लेकिन इस गर्मी में दिलवालों का शहर में दिलदारी नहीं दिख रही है. भीषण गर्मी पड़ने पर आमतौर पर हजारीबाग के हर एक चौक चौराहे पर प्याऊ की व्यवस्था की जाती थी लेकिन इस बार इक्का-दुक्का जगह पर ही प्याऊ दिख रहे हैं.
shortage of pot in hazaribag
आमतौर पर वैसे लोग जो मजदूरी करते हैं या फिर रिक्शा चलाते हैं वह सड़क किनारे बने प्याऊ पर निर्भर रहते हैं. लेकिन इस गर्मी में आमो खास या फिर गरीब तबके के लोग भी प्यास बुझाने के लिए बोतलबंद पानी पर ही निर्भर हो रहे हैं. हजारीबाग जैन समाज के द्वारा प्याऊ की व्यवस्था की गई है. उनका कहना है कि अन्य लोगों के बारे में तो हम लोग नहीं जानते हैं लेकिन हम लोगों ने राहगीरों के लिए व्यवस्था की है.
Last Updated : May 1, 2022, 9:24 AM IST