हजारीबाग: वाटर एटीएम इन दिनों काफी सुर्खियों में है. ईटीवी भारत ने कुछ दिन पहले यह खबर दिखाई थी कि वाटर एटीएम ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है. इस बात को लेकर अब प्राक्कलन समिति ने संज्ञान में लिया है और इस बाबत रिपोर्ट भी मांगी है. प्राक्कलन समिति से जब ईटीवी भारत की टीम ने यह सवाल किया कि हजारीबाग में लाखों रुपये का बना हुआ वाटर एटीएम धूल फांक रहा है तो उन्होंने भौतिक निरीक्षण भी किया.
ETV BHARAT IMPACT: हजारीबाग के बदहाल वाटर एटीएम का प्राक्कलन समिति ने लिया संज्ञान
हजारीबाग वाटर एटीएम सही तरीके से काम नहीं कर रहा था. प्राक्कलन समिति ने इसे संज्ञान में लिया और रिपोर्ट बनाकर सदन को सौंपेगी. इस बाबत कार्रवाई करने की भी अनुशंसा की जाएगी ताकि सरकारी पैसे के बर्बादी ना हो.
वाटर एटीएम खराब
सदर विधायक मनीष जयसवाल ने बड़े ही ख्वाब के साथ हजारीबाग में वाटर एटीएम अपने विधायक फंड से कई क्षेत्रों में लगाया है लेकिन यह वाटर एटीएम सही तरीके से काम नहीं कर रहा है. आलम यह है कि सिक्का डालने के बावजूद पानी नहीं निकलता है. इसके लिए बकायदा ऑपरेटर स्विच ऑन करता है तो पानी गिरता है. एक लीटर पानी के लिए 4 रुपये की राशि रखी गई है लेकिन 4 रुपये का सिक्का होता ही नहीं है. ऐसे में पांच का सिक्का डालने अलावा दूसरा कोई उपाय भी नहीं है. यहां काम करने वाले ऑपरेटर ने आरोप लगाया है कि 10,000 रुपये रिश्वत लेने के बाद काम करने के लिए जगह दी गयी. 2 महीने से पैसा भी नहीं मिल रहा है. दिन भर में 10 से 20 रुपये का पानी भी नहीं बिकता है.
सरकारी पैसे का दुरुपयोग
ऑपरेटर ने यह आरोप प्राक्कलन समिति के सामने लगाया है. ऐसे में विधानसभा की प्राक्कलन समिति वाटर एटीएम को लेकर काफी सख्त है. उनका कहना है कि यह सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ है. जिस उद्देश्य से वाटर एटीएम बनाया गया था वह पूरा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में विधानसभा प्राक्कलन समिति रिपोर्ट बनाकर सदन को देगी और इस बाबत कार्रवाई करने की भी अनुशंसा करेगी ताकि सरकारी पैसा का बर्बादी ना हो.
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कोई भी योजना बनाई जाती है तो उसके पहले तैयारी भी की जाती है. ऐसे में वाटर एटीएम तत्कालीन उप विकास आयुक्त विजय जाधव के कार्यकाल के दौरान बनाया गया. इस योजना में हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने भी काफी रूचि दिखाई लेकिन अब एटीएम सवालों के घेरे में है.