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विदेशों में नौकरी देने को लेकर लगा रोजगार मेला, प्रशासन अनभिज्ञ

हजारीबाग में निजी कंपनी विदेश में नौकरी देने के लिए इंटरव्यू ले रही. भारी संख्या में स्थानीय युवक साक्षात्कार दे रहे हैं. लेकिन इसकी जानकारी प्रशासन तक को नहीं है.

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रोजगार मेला

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Published : Oct 7, 2021, 8:21 PM IST

हजारीबागः विदेश जाकर नौकरी करने की चाहत हर एक व्यक्ति को होती है. कई ऐसे छात्र भी हैं जो उच्च शिक्षा पाकर अपना करियर विदेशों में बनाना चाहते हैं. लेकिन इन दिनों हजारीबाग के कई इलाकों में विदेश में जाकर मजदूरी करने वालों कि होड़-सी लगी हुई है.

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हजारीबाग में गुरुवार को एक प्रतिष्ठित होटल में सऊदी अरब, ओमान, श्रीलंका समेत अन्य देशों में नौकरी के लिए साक्षात्कार का आयोजन किया गया. जहां लाइनमैन के लिए आवेदन लिए गए. जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के लोग पहुंचे. लेकिन यह कौन सी कंपनी है, इसे लेकर जिला प्रशासन के पास भी सवाल का जवाब नहीं है.

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हजारीबाग के ग्रामीण इलाके से कई लोग विदेशों में जाकर मजदूरी करते हैं. खासकर सऊदी अरब में ट्रांसमिशन के काम में हजारीबाग के लोगों की संख्या अधिक है. हजारीबाग में गुरुवार को प्रीमियर ट्रैवल्स के जरिए विदेश भेजने के लिए आवेदन एकत्रित किया गया और साथ ही साथ इंटरव्यू भी रखा गया. जो फॉर्म दिया गया, उसमें गवर्नमेंट अप्रूव्ड ओवरसीज मैनपॉवर कंसलटेंसी का जिक्र भी किया गया और उसमें लाइसेंस नंबर भी अंकित किया गया.

इसको लेकर कंपनी का कहना है कि वह हजारीबाग और इसके आसपास के इलाकों के युवकों को विदेश में रोजगार दिलाने का काम करते है. जिसमें खासकर ओमान जाने वाले लोगों की डिमांड अधिक होती है. युवकों को ट्रांसमिशन लाइन का काम दिया जाता है. इसके अलावा श्रीलंका समेत अन्य देश भेजने के लिए भी आवेदन लिया जा रहा है. जिसमें पासपोर्ट और शैक्षणिक योग्यता का फोटो कॉपी की मांग की गई.


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जब इस खबर की पड़ताल की गई तो इंटरव्यू लेने वाले कर्मियों में हड़कंप मच गया. जो युवक अपना इंटरव्यू देने होटल के बाहर खड़े थे, उन्हें हॉल में ही रहने का निर्देश दिया गया. क्योंकि बाहर में भारी भीड़ लगी हुई थी. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर सब सही है तो युवकों को कमरे में क्यों रखा गया. इंटरव्यू देने आए छात्रों का कहना है कि झारखंड में नौकरी नहीं है, इस कारण विदेश जा रहे हैं. 22 हजार रुपया मासिक वेतन मिलेगा, रहने-खाने की व्यवस्था भी कंपनी करती है. रोजगार के लालच में हम जा रहे हैं. लेकिन उनका यह भी कहना है कि हमें डर भी रहता है कि हम कहीं गलत हाथों में ना पड़ जाए, जिससे परेशानी और बढ़ जाए.

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