हजारीबाग: झारखंड में फीवर क्लीनिक (Fever Clinic In Jharkhand) बनाने की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई है. राज्य का यह ऐसा क्लीनिक होगा जहां बुखार से जूझ रहे मरीजों की स्क्रीनिंग की जाएगी और फिर उनका इलाज किया जाएगा. इससे कोरोना के मरीजों को चिन्हित किया जा सकेगा. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ऐसे क्लीनिक मील का पत्थर साबित हुए थे. ऐसे में अब झारखंड में भी इसे सक्रिय करने पर जोर दिया जा रहा है. आने वाले समय में प्रत्येक जिले में ऐसा क्लीनिक देखने को मिलेगा.
झारखंड में कोरोना (Corona In Jharkhand) का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. हालांकि राहत की बात ये है कि इस बार डेथ रेट कम है. ऐसे में झारखंड में फीवर क्लीनिक (Fever Clinic In Jharkhand) की भूमिका और अहम हो जाएगी. बुखार से जूझ रहे मरीजों की स्क्रीनिंग से शुरुआती कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान जाएगी. महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद अब झारखंड फीवर क्लिनिक की शुरुआत की जा रही है. आने वाले 1 सप्ताह के अंदर कई जगह फीवर क्लीनिक दिखाई देने लगेंगे.
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स्वास्थ विभाग चाहती है कि वैसे लोग जिन्हें बुखार है वह अपना इलाज शुरू करवा लें. डॉक्टर शुरुआती समय में उन्हें दवा देकर कई निर्देश देंगे और उनका टेस्ट भी होगा. टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद अगर वह पॉजिटिव आएं तो उसी अनुसार इलाज भी चलेगा. अगर नेगेटिव आते हैं तो वह सामान्य जीवन व्यतीत करेंगे, लेकिन स्वाब लेने और टेस्ट रिपोर्ट आने तक उनपर विशेष नजर रखी जाएगी.
वहीं, जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी सिंह का कहना है कि फीवर क्लिनिक बनाने को लेकर आदेश दिया गया है. आने वाले दिनों में हजारीबाग में फीवर क्लीनिक को एक्टिव कर दिया जाएगा. यह एक नया कांसेप्ट होगा. जहां बुखार के मरीजों का इलाज होगा. यह कांसेप्ट पूरे राज्य भर में लागू होने जा रहा है. कोरोना काल के दौरान इस तरह का क्लीनिक चिकित्सक के साथ-साथ आम जनता के लिए भी फायदेमंद होगा.
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हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का कहना है कि इन क्लीनिकों में बुखार जैसे लक्षणों की जांच किए जाने के बाद कोरोना के मरीजों की पहचान करना आसान होगा और गंभीर मरीजों को कोविड केयर सेंटरों या अस्पतालों में भेजा जा सकेगा. महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इन क्लीनिकों ने अहम भूमिका निभाई है. फीवर क्लीनिक पर जाकर कोई भी व्यक्ति सर्दी, खांसी, जैसे लक्षण दिखाई देने पर अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा सकेंगे. आवश्यकता होने पर कोविड टेस्ट के लिए सैंपल भी लिए जा सकेंगे.
हजारीबाग के लोगों ने भी इस नए कांसेप्ट के बारे में कहा कि यह एक नया कदम होगा. लेकिन जरूरत है डॉक्टर इमानदारी से ऐसे क्लिनिक को चलाएं. साथ ही साथ यह भी जरूरी है कि जो भी मरीज यहां दिखाने आए उनके लिए अलग व्यवस्था भी हो ताकि आपाधापी की स्थिति ना रहे. कहा जाए तो इस तरह का कदम कोरोना काल में मील का पत्थर साबित हो सकता है. जब बुखार लगे हुए मरीज का इलाज अलग से होगा और उस पर नजर रखी जाएगी तो संक्रमण भी नहीं फैलेगा.